देश में डिजिटल अरेस्ट के मामले बढ़े हैं. इस तरीके का इस्तेमाल कर ठग लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर रहे हैं. कई बार तो लूट की रकम करोड़ों में भी होती है. पुलिस और मीडिया इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लोग साइबर ठगों के जाल में फंस रहे हैं. अब डिजिटल अरेस्ट का एक मामला आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम से सामने आया है.
यहां ठगों ने एक महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर लिया. हालांकि जब उसे अपने साथ ठगी का एहसास हुआ तो उसने पुलिस में शिकायत दी. पुलिस ने इस मामले में छह ठगों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों की पहचान कर्नाटक के मैसूर के रुमान शरीफ, कालीकट के नौफला शेरीन और केरल के नजीमुद्दीन के रूप में हुई है. उनके पास से 6 लाख रुपये नकद और 3 मोबाइल फोन जब्त किए गए वहीं तीन ठगों की तलाश जारी है.
पिछले महीने ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट
बताया जा रहा है कि जिस महिला को डिजिटल अरेस्ट किया गया उनका नाम रेवती है. रेवती एक निजी मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर हैं. रेवती ने पुलिस में दी अपनी शिकायत में कहा पिछले महीने ठगों ने उनको फोन करके कहा कि वो बेंगलुरु के अशोक नगर पुलिस स्टेशन से बोल रहे हैं. सीबीआई ने उनके (रेवती के) खिलाफ मानव तस्करी और महिलाओं को ब्लैकमेल करके पैसे ऐंठने का मामला दर्ज किया है.
13 लाख 50 हजार रुपये ठग लिए
उन्होंने कहा कि ये सुनकर वो घबरा गईं. बाद ठगों ने उनसे कहा कि उनके खिलाफ सबूत हैं. रेवती ने कहा कि उन्होंने कोई ठगी नहीं की है, तो ठगों ने कहा सीबीआई उनके खिलाफ जांच कर रही है. ठगों ने उनसे कहा कि अगर वो उनके बताए गए खातों में पैसे जमा कर देंगी तो उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ा जाएगा और उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी. ठगों ने उनसे 13 लाख 50 हजार रुपयों की ठगी की.
अलग-अलग खातों में पैसे कराए ट्रांसफर
महिला ने कहा कि ठगों ने अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर करा लिए. इस मामले में रेवती की शिकायत के आधार पर श्रीकाकुलम वन टाउन पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच करते हुए विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन के पास रुमान शरीफ, नौफला शेरीन और नजीमुद्दीन को गिरफ्तार किया. पुलिस इस धोखाधड़ी में शामिल तीन और आरोपियों की तलाश कर रही है.