सिंगरौली : किले के एनसीएल माइनिंग सरदार के टीएंडएस ग्रेड-सी के 88 पदों पर 7 फरवरी 2020 में जो भर्ती की गई थी, उस भर्ती की पूरी प्रक्रिया में गड़बडियों की गई हैं. सीबीआई ने शिकायत के बाद मामले को जांच में लिया था. प्राथमिक जांच के बाद सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. एफआईआर में एनसीएल के दो अधिकारियों व अन्य सहयोगियों को आरोपी बनाया गया है.
आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में शामिल कैंडिडेट्स में से कुछ लोगों से रिश्वत के रूप में मोटी रकम लेकर भर्ती में सहयोग किया गया है. प्राथमिक जांच सीबीआई जबलपुर के पुलिस निरीक्षक पीआर पांडियन ने की है. उन्होंने सीबीआई जबलपुर के एसपी को रिपोर्ट सौंपकर भर्ती में हुए घोटाले की पुष्टि की है जिसके आधार पर सीबीआई ने एनसीएल के तत्कालीन महाप्रबंधक पर्सनल रिक्वायरमेंट चार्ल्स जुस्टर व अन्य अज्ञात लोक सेवकों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की है.
ये एफआईआर 21 फरवरी को आईपीसी की धारा 120 बी के तहत दर्ज की गई है.
“सीबीआई ने की पूछताछ
एनसीएल में सीबीआई के आने की खबर को फैलते ही परिक्षेत्र में एक बार फिर से लोगों के कान खड़े हो गये और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में सीबीआई के द्वारा जो एफआईआर दर्ज की गई है, उसे लेकर सीबीआई की टीम हालही में एनसीएल भी पहुंची थी, जो मामले से जुड़े लोगों ने पूछताछ की, ये खबरे भी सामने आयी. हालांकि, इस संबंध में सीबीआई व एनसीएल की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
वाराणसी में बेचा था भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र
मामले की शिकायत में ये आरोप लगाया गया है कि इस भर्ती प्रक्रिया की परीक्षा का प्रश्न- पत्र परीक्षा तिथि से एक दिन पूर्व एक होटल में वाराणसी केन्द्र के अभ्यर्थियों को बेचा गया था. जिसमें चयनित 88 अभ्यर्थियों में से 65 अभ्यर्थी वाराणसी केन्द्र के थे. इसके साथ ही ये भी कहा गया कि कुल 4594 उम्मीदवारों ने माइनिंग सरदार के पद के लिए आवेदन किया था. जिसमें से 3539 उम्मीदवार 8 नवंबर 2020 को सोनभद्र, वाराणसी, सिंगरौली, जबलपुर में बनाए गए केंद्रों पर आयोजित लिखित परीक्षा दी थी.