केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं कक्षा के बोर्ड एग्जाम साल में दो बार आयोजित करने के लिए नियम-कायदे का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. सीबीएसई के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं कराने की शुरुआत शैक्षणिक वर्ष 2026-27 से होगी. ड्राफ्ट के मुताबिक साल में पहला बोर्ड एग्जाम फरवरी-मार्च और दूसरा मई में आयोजित होगा. अधिकारियों ने कहा कि ड्राफ्ट को पब्लिक डोमेन में रखा जाएगा और सभी स्टेकहोल्डर्स 9 मार्च तक अपनी प्रतिक्रिया दे सकेंगे, जिसके बाद नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा.
ड्राफ्ट मानदंडों के अनुसार, सीबीएसई की 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा का पहला चरण 17 फरवरी से 6 मार्च तक आयोजित किया जाएगा, जबकि दूसरा चरण 5 से 20 मई तक आयोजित किया जाएगा. सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘दोनों चरण की बोर्ड परीक्षाएं पूर्ण पाठ्यक्रम के आधार पर आयोजित की जाएंगी और उम्मीदवारों को दोनों संस्करणों में एक ही परीक्षा केंद्र आवंटित किए जाएंगे. आवेदन दाखिल करने के समय ही दोनों परीक्षाओं के लिए परीक्षा शुल्क निर्धारित किया जाएगा और परीक्षार्थियों को रजिस्ट्रेशन के समय ही इसे जमा कराना होगा
अधिकारी ने कहा, ‘सीबीएसई की 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं का पहला और दूसरा संस्करण ही सप्लीमेंट्री एग्जाम के रूप में कार्य करेगा और किसी भी परिस्थिति में कोई विशेष परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी.’ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में सिफारिश की गई थी कि बोर्ड परीक्षा के ‘उच्च जोखिम’ वाले पहलू को खत्म करने के लिए, सभी छात्रों को किसी भी स्कूल ईयर के दौरान अधिकतम दो अवसरों पर परीक्षा देने की अनुमति दी जानी चाहिए. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई शिक्षा मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण बैठक में इस नीतिगत परिवर्तन पर विस्तार से चर्चा की गई.
ड्राफ्ट के मुताबिक सीबीएसई कक्षा 10वीं की परीक्षा 2026 में 17 फरवरी से 6 मार्च तक निर्धारित है, और दूसरा चरण 5 मई से 20 मई तक चलेगा. पूरी परीक्षा प्रक्रिया 34 दिनों तक चलेगी, जिसमें 84 विषय शामिल होंगे. साल 2026 में सीबीएसई कक्षा 10वीं की परीक्षा में लगभग 26.60 लाख छात्रों के शामिल होने की उम्मीद है. आगे भी सीबीएसई 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं हर वर्ष 15 फरवरी और 5 मई के बाद पहले मंगलवार को शुरू होंगी. साल में दो बार 10वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के प्रस्ताव का उद्देश्य छात्रों को अपने प्रदर्शन में सुधार करने का मौका प्रदान करना है, जिससे उन पर एग्जाम का प्रेशर और स्ट्रेस कम हो सके.