नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ई-कॉमर्स दिग्गजों के खिलाफ कथित कदाचार की जांच के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा पारित आदेश के खिलाफ अमेजन और फ्लिपकार्ट की याचिकाओं को कर्नाटक हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया. यह मामला न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ के समक्ष आया. अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने पीठ के समक्ष दलील दी कि निष्पक्ष व्यापार नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा वर्तमान याचिका दायर किए जाने के बाद विभिन्न उच्च न्यायालयों में पांच याचिकाएं दायर की गई हैं.
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने एजी से दो दर्जन से अधिक याचिकाओं को कर्नाटक उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ को स्थानांतरित करने के लिए सीसीआई से निर्देश लेने को कहा था. आज सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि यदि स्थानांतरित याचिकाओं में से कुछ में दलीलें पूरी नहीं हुई हैं, तो मामले को देख रहे न्यायाधीश इसे पूरा करने के लिए उचित समय दे सकते हैं.
पीठ ने कहा कि यह उचित होगा कि सभी याचिकाओं को सुनवाई के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया जाए. इससे पहले, शीर्ष अदालत ने सीसीआई द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया था, जिसमें ई-कॉमर्स दिग्गजों द्वारा दायर याचिकाओं को उच्च न्यायालयों से शीर्ष न्यायालय या दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी. सीसीआई ने अपनी याचिका में इलाहाबाद, मद्रास, तेलंगाना, पंजाब और हरियाणा, दिल्ली और कर्नाटक के उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों को स्थानांतरित करने के निर्देश देने की मांग की थी.
सीसीआई ने फ्लिपकार्ट और अमेजन पर उनके प्लेटफॉर्म पर भारी छूट और पसंदीदा विक्रेताओं के साथ गठजोड़ सहित कदाचार के आरोपों के बाद जांच का आदेश दिया था. यह आदेश दिल्ली व्यापार महासंघ की शिकायत के बाद पारित किया गया था, जिसके सदस्यों में स्मार्टफोन और संबंधित सामान के कई व्यापारी शामिल हैं.