केरल के वायनाड जिले में सोमवार तड़के एक ‘आदमखोर’ बाघ मृत पाया गया. इस बाघ ने दो दिन पहले जंगल के किनारे स्थित एक कॉफी बागान में कॉफी बीन इकट्ठा करने गई एक महिला को मार डाला था. वन विभाग के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है.
बाघ ने ली थी महिला की जान
रिपोर्ट के मुताबिक महिला की मौत के बाद इलाके में बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसके बाद राज्य सरकार को रविवार को इस बाघ को ‘आदमखोर’ घोषित कर इसे मारने का आदेश देना पड़ा. वन विभाग के अधिकारियों ने लगातार दिन-रात खोज अभियान चलाया और सोमवार सुबह पिलाकावु क्षेत्र में बाघ को मृत अवस्था में पाया.
सरकार ने जारी किया था मारने का ऑर्डर
वन विभाग ने मृत बाघ की धारियों के पैटर्न का मिलान किया और पुष्टि की कि यह वही बाघ था जिसने शनिवार को 46 साल की राधा नामक महिला की जान ली थी. मुख्य पशु सर्जन डॉ. अरुण ज़कारिया ने बताया कि बाघ के शव पर गहरी चोट के निशान थे, जो जंगल में दूसरे बाघ के साथ हुई लड़ाई के कारण हुए थे.
उत्तरी सर्कल की मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) के.एस. दीपा ने कहा कि बाघ की मौत का सटीक कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल सकेगा. उन्होंने यह भी बताया कि वन विभाग लगातार कैमरों के माध्यम से बाघ की गतिविधियों पर नजर रख रहा था.
घर के पीछे मृत मिला बाघ
डॉ. ज़कारिया के नेतृत्व वाली वन विभाग की टीम ने बाघ को सोमवार तड़के देखा और उसे बेहोश करने की कोशिश की, लेकिन रात के अंधेरे के कारण यह संभव नहीं हो सका. बाद में बाघ का शव एक घर के पीछे पाया गया. अनुमान है कि इस बाघ की उम्र छह या सात साल थी.
लोगों ने बांटी मिठाई
राज्य के वन मंत्री ए.के. ससींद्रन ने रविवार को मृत महिला के परिवार से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि बाघ की मौत से हाई रेंज क्षेत्र के लोगों, विशेषकर पनचाराकोली के निवासियों को राहत मिली है.
मंत्री ने यह भी बताया कि भले ही पनचाराकोली क्षेत्र में डर फैलाने वाला बाघ मर चुका है, लेकिन वायनाड के उन इलाकों में खोज अभियान जारी रहेगा जहां बाघों की उपस्थिति का संदेह है. पनचाराकोली के निवासियों ने बाघ की मौत का जश्न मनाते हुए मिठाइयां बांटी.