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केंद्र और राज्य स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए संवैधानिक रूप से बाध्य: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के मामले पर सुनवाई करते हुए सोमवार को कहा कि यह सुनिश्चित करना केंद्र और राज्य दोनों का संवैधानिक दायित्व है कि नागरिक प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहें. दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि एनसीआर क्षेत्र के सभी राज्यों को कक्षा 12 तक के छात्रों के लिए सभी भौतिक कक्षाएं बंद करने का तत्काल निर्णय लेना चाहिए.

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न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. गोपाल शंकर नारायण ने याचिकाकर्ता की ओर से कहा कि दिल्ली के स्कूलों में दसवीं से नीचे दर्जे के बच्चों को स्कूल आने से रोका गया है. उनकी ऑनलाइन क्लास चल रही है.

‘सरकार के विवेक पर नहीं छोड़ा जा सकता’

उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं और आवश्यक सेवाओं की बहाली सुनिश्चित करने को कहा गया है. जस्टिस ओक ने पूछा कि निर्माण पर निगरानी की जिम्मेदारी किसकी है? गोपाल शंकर नारायण ने सुप्रीम कोर्ट के नए परिसर में चल रहे निर्माण की भी जानकारी दी. कोर्ट ने सेक्रेटरी जनरल को तलब किया.

वकील गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि ग्रेप 4 में भी बहुत सारी बातें सरकार पर निर्भर करती है. मसलन स्कूलों को बंद किया जाए या नहीं. ये मसला सरकार के विवेक पर नहीं छोड़ा जा सकता है कि प्रदूषण की ऐसी स्थिति में स्कूल/कक्षा बंद किए या नहीं.

कोर्ट ने कहा- आज दिल्ली की बात करते हैं

गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि दिल्ली में दसवीं से निचली क्लास तक के छात्रों को फिजिकल क्लास से छूट दी गई है. सिर्फ ऑनलाइन क्लास चल रही है. लेकिन यूपी में ऐसा नहीं किया गया. कोर्ट ने कहा कि आज तो हम दिल्ली की बात करते हैं. शुक्रवार को एनसीआर की करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश कौन रोकेगा और कैसे पता चलेगा कि आवश्यक सामान ले जा रहा है ट्रक. वकील ने कहा कि इसकी जांच ट्रैफिक पुलिस करती है और उसके पास जरूरी वस्तुओं की लिस्ट होती है.

‘मौसम विभाग की भविष्यवाणियों पर भरोसा क्यों किया?’

कोर्ट ने कहा कि जैसे ही AQI का ग्राफ 400 पार हुआ आपको तुरंत ग्रेप 4 लागू करना चाहिए था. आपने इसे लागू करने के लिए 24 घंटे का इंतजार क्यों किया? सुप्रीम कोर्ट ने कहा मौसम विभाग की भविष्यवाणियों पर भरोसा क्यों किया गया? एक बार जब AQI 300 पार हो गया तो GRAP 3 लागू कर देना चाहिए था. केंद्र सरकार ने दलील दी कि इस साल मौसम की स्थिति अलग रही है. पश्चिमी विक्षोभ था. उसके असर से अचानक तापमान में गिरावट आई. हवा भी चली.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि यह अनुमान लगाने के बजाय कि AQI पार हो जाएगा, और आप इसका इंतजार करेंगे और देखेंगे कि AQI नीचे जाएगा. AQI 418 के बाद भी केंद्र ने ग्रैप 3 लागू करने के लिए एक दिन का इंतजार किया.

कल से बंद हो जाएंगे यूपी के स्कूल

गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि NCR के कई शहरों नोएडा, गाजियाबाद आदि में पढ़ने वाले स्कूली बच्चों के अभिभावक भी कोर्ट में मौजूद हैं. वो भी अपने बच्चों के लिए राहत चाहते हैं. गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि वैसे तो कोर्ट भी ऑनलाइन ही होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वो हलफनामा दाखिल कर बताए कि कैसे अब ग्रेप 4 के सख्त प्रावधानों पर अमल कर रहे है.

यूपी सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि कल मंगलवार से ही सभी स्कूल बंद करने का निर्णय लिया गया है. ग्रैप 4 भी लागू कर दिया गया है. दिल्ली सरकार की तरफ से वकील ज्योति मेंदीरत्ता ने कहा कि नासा के वैज्ञानिक बता रहे हैं कि अधिकांश पराली जलाने की घटनाएं दोपहर 2:30 बजे के बाद ही होती हैं. अधिकतर घटनाएं आधी रात के बाद ही होती हैं.

‘ग्रेप 4 के प्रावधान लागू करें NCR की सरकारें’

यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि ग्रेप 4 लागू कर दिया गया है और NCR के दायरे में आने वाले जिलों के स्कूल कल से बंद होंगे. ASG अर्चना पाठक दवे ने कोर्ट से कहा कि मुझे निर्देश मिले हैं कि 90 से 95 प्रतिशत पराली जलाना बंद हो गया है. वकील गोपाल शंकर नारायण ने कोर्ट से कहा कि CAQM में ऐसे लोगों की बहुतायत है, जिन्हें कोई अनुभव नहीं है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि AQI 12 नवंबर को ही खतरे का निशान यानी 300 के पार हो गया था. इसके 400 पार होने के भी काफी बाद grap 4 आज लागू किया गया.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम CAQM से यह कह सकते है कि वो पूर्व जजों से इस मसले पर सलाह लें. हम शुक्रवार को इस पर सुनवाई कर सकते हैं. कमीशन को AQI में सुधार की प्रतीक्षा में नहीं बैठे रहना चाहिए. पीठ ने NCR की राज्य सरकारों को ग्रेप 4 के प्रावधान लागू करने के निर्देश दिए. साथ ही इनके तहत लिए जा रहे एक्शन पर निगरानी के लिए विशेष टीम गठित की जाएगी.

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