भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के पानी पर हरियाणा-पंजाब के विवाद को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है.पंजाब सरकार के द्वारा पंजाब के नंगल में भाखड़ा डैम पर पंजाब पुलिस फोर्स लगाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. भाखड़ा डैम की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नये आदेश जारी किए. इस आदेश के अनुसार अब भाखड़ा डैम की सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जिम्मे होगी.
केंद्र सरकार ने सीआईएसएफ के 296 पदों को मंजूरी दी थी. सुरक्षा के लिए 8 करोड़ 59 लाख की राशि केंद्र ने आवंटित की. भाखड़ा डैम पर सीआईएसएफ सुरक्षा बलों के रहने, संचार और आने-जाने की व्यवस्था और अन्य जरूरी सहूलियतें करने के भी निर्देश दिए गये
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
बता दें कि हरियाणा-पंजाब पानी विवाद के दौरान पंजाब सरकार ने डैम पर पंजाब पुलिस फोर्स तैनात कर दी थी और डैम के वॉटर गेट्स का कंट्रोल अपने हाथों में ले लिया था. BBMB के अध्यक्ष कुछ दिन पहले जब पानी रिलीज करने गए थे उन्हें बंधक बना लिया गया था.
नीति आयोग की बैठक में बीबीएमबी की मुद्दा उठाएंगे मान
इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार शनिवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक में भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के पुनर्गठन का मुद्दा उठाएगी. बुधवार को विजय रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस मुद्दे को उठाएंगे.
उन्होंने कहा कि चूंकि जल स्तर लगातार बदल रहा है, इसलिए जल समझौते की हर 25 साल में समीक्षा की जानी चाहिए. भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है, जिसने देश को भोजन उपलब्ध कराने के लिए पानी और उपजाऊ मिट्टी जैसे अपने एकमात्र उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का पहले ही पूरा उपयोग किया है.
मुख्यमंत्री ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह से बीबीएमबी ने राज्य के पानी के उचित हिस्से को छीनने में भूमिका निभाई है, वह दुर्भाग्यपूर्ण और अत्यधिक निंदनीय है. उन्होंने कहा कि हरियाणा का हिस्सा इस वर्ष मार्च में ही समाप्त हो चुका था, लेकिन बीबीएमबी केन्द्र सरकार और हरियाणा सरकार के हाथों की कठपुतली बन गई और उसने राज्य का पानी छीन लिया.
पंजाब पर बीबीएमबी का करीब 150 करोड़ रुपये बकाया
सीएम मान ने कहा कि यह वही बीबीएमबी है जिसने पंजाब के अस्तित्व के लिए जरूरी परियोजनाओं के लिए पंजाब से 32 करोड़ रुपये लिए थे. उन्होंने कहा कि यह धनराशि राज्य को कभी वापस नहीं की गई. उन्होंने कहा कि पंजाब पर बीबीएमबी का लगभग 150 करोड़ रुपये (ठीक 142 करोड़ रुपये) बकाया है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही इस धनराशि की वसूली के लिए दावा दायर करेगी. भगवंत सिंह मान ने कहा कि बीबीएमबी द्वारा पंजाब कोटे के 3000 पद जानबूझकर नहीं भरे गए, ताकि पानी पर राज्य का दावा कमजोर हो सके.