केंद्र की एनडीए सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल के दौरान ही ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर विधेयक लाएगी. सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की अवधारणा को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ नाम दिया गया है. सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल सभी राजनीतिक दलों, विशेष रूप से केंद्र सरकार में शामिल सहयोगियों द्वारा इस बिल का समर्थन करने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यालय के पहले 100 दिन पूरे होने से ठीक पहले यह रिपोर्ट आई है. बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे 4 जून को घोषित हुए थे और इसके पांच दिन बाद, 9 जून को नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ (One Nation One Election) भाजपा के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में प्रमुख वादों में से एक रहा है. इस वर्ष लाल किले पर अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान भी, प्रधानमंत्री मोदी ने वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आने का अनुरोध किया था.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
पीएम मोदी ने कहा था, ‘मैं सभी से एक राष्ट्र एक चुनाव के संकल्प को हासिल करने के लिए एक साथ आने का अनुरोध करता हूं, जो समय की मांग है.’ पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर कहा था कि सरकारों के पूरे पांच साल के कार्यकाल के दौरान चुनाव ही नहीं होते रहने चाहिए. उन्होंने कहा था, ‘मैं हमेशा कहता हूं कि चुनाव सिर्फ तीन या चार महीने के लिए होने चाहिए. पूरे पांच साल राजनीति नहीं होनी चाहिए. इससे चुनावों का प्रबंधन करने वाले खर्च में कटौती होगी.’
उन्होंने कहा था, ‘हमने एक एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है. उसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. हम उसका अध्ययन कर रहे हैं, जिसके बाद ऐसे बिंदु सामने आएंगे जिस पर आगे कदम उठाए जाएंगे. एक राष्ट्र एक चुनाव हमारी प्रतिबद्धता है और यह केवल राजनीतिक प्रतिबद्धता नहीं है. यह देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.’ सूत्रों ने यह भी कहा कि ‘मोदी 3.0 सरकार’ अगले सप्ताह 100 दिन पूरे कर रही है और वह 2014 में लिए गए अपने संकल्पों पर कायम है.
रामनाथ कोविंद समिति ने सौंप दी है अपनी रिपोर्ट
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने वन नेशन वन इलेक्शन की संभावनाओं पर मार्च में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट में जो सुझाव दिए गए हैं, उसके मुताबिक पहले कदम के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने चाहिए. समिति ने आगे सिफारिश की है कि लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ संपन्न होने के 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव भी हो जाने चाहिए. इससे पूरे देश में एक निश्चित समयावधि में सभी स्तर के चुनाव संपन्न कराए जा सकेंगे. वर्तमान में, राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव अलग-अलग आयोजित किए जाते हैं.