उज्जैन पहुंचे जर्मन कंपनियों के CEO और संस्थापक: निवेश संभावनाओं पर मंथन, महाकाल के किए दर्शन

जर्मन बिजनेस डेलिगेशन बुधवार को उज्जैन पहुंचा। जिसमें जर्मनी की कई प्रमुख कंपनियों के संस्थापक व सीईओ शामिल हैं। जिन कंपनियों के सी इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, वर्क फ़्लो ऑटोमेशन, साइबर सिक्योरिटी, बिग डेटा और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनियां भी शामिल थीं। इन कंपनियों ने उज्जैन को निवेश की इच्छा जताई है।

18 अगस्त को भारत आया जर्मन डेलिगेशन 22 अगस्त तक रहेगा। इसी क्रम में 20 अगस्त को प्रतिनिधि मंडल उज्जैन पहुंचा और यहां स्थानीय स्टार्टअप्स तथा औद्योगिक ढांचे को नजदीक से देखने के बाद निवेश की संभावनाओं पर अधिकारियों से चर्चा की। जिसमें स्मार्ट सिटी के साथ-साथ एमपीआईडीसी के अधिकारी राजेश राठौर ने भी विक्रम उद्योग पुरी में प्रजेंटेशन देकर उज्जैन में निवेश के अवसर को साझा किया।

डीप टेक डाटा सेंटर और इनोवेशन में निवेश की जताई इच्छा एमपीआईडीसी के निदेशक राजेश राठौर ने बताया कि डेलिगेशन ने उज्जैन में खासकर आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर को लेकर गहरी दिलचस्पी दिखाई। उन्होंने डीप टेक डाटा सेंटर और इनोवेशन हब में निवेश करने की इच्छा जताई।

उज्जैन प्रवास के दौरान डेलिगेशन ने एमपीआईडीसी (मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम) कार्यालय का दौरा, विक्रम उद्योग नगरी का भ्रमण और आईटी पार्क एवं इनक्यूबेशन सेंटर की योजनाओं की जानकारी ली।

जर्मन प्रतिनिधियों के सामने उज्जैन की औद्योगिक तस्वीर और यहां के अवसरों का प्रेजेंटेशन दिया। साथ ही स्थानीय स्टार्टअप्स के साथ भविष्य की साझेदारी पर भी चर्चा हुई।

महाकाल दर्शन करने पहुंचा दल उज्जैन प्रवास के दौरान जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने श्री महाकाल ज्योतिर्लिंग के दर्शन भी किए। इस सांस्कृतिक जुड़ाव को डेलिगेशन ने विशेष अनुभव बताया। उन्होंने माना कि उज्जैन का वातावरण केवल उद्योग और निवेश के लिहाज से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी आकर्षक है।

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