HPV Test Kit: सर्वाइकल कैंसर की जांच हुई आसान! HPV टेस्ट किट हुई लॉन्च, जानें कैसे काम करेगी ये

नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (एनएएमएस) भारत सरकार से कैंसर को एक नॉटिफीएबल बीमारी (यह वह बीमारी होती है जिसके बारे में कानून के तहत सरकारी अधिकारियों को सूचित करना आवश्यक है) के रूप में कैटगराइज करने का आग्रह कर रही है. दरअसल, एनएएमएस चाहती है कि ऐसा करके कैंसर की निगरानी, ​​रोकथाम और उपचार रणनीतियों में सुधार हो सके. इससे स्वास्थ्य अधिकारी कैंसर के मामलों को ज्यादा अच्छे ढंग से ट्रैक कर सकेंगे और उभरते रुझानों पर तेजी से रिस्पॉन्ड कर सकेंगे. एनएएमएस ने सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में स्वदेशी एचपीवी टेस्ट्स और टीकों की भूमिका पर भी बात की.

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इसके साथ ही भारत ने सर्वाइकल कैंसर की जांच की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठा लिया है. भारत ने सर्वाइकल कैंसर का जल्द पता लगाने के लिए अपनी खुद की HPV टेस्ट किट बनाई है. ये टेस्ट किट कुछ दिन पहले लॉन्च की गई थी और खास तौर पर भारत की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं.

HPV (ह्यूमन पेपिलोमावायरस) एक ऐसा वायरस है, जो महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकता है. अगर समय रहते इसका पता चल जाए तो इस कैंसर का इलाज आसानी से किया जा सकता है इसलिए टेस्टिंग बहुत जरूरी है.

किसने बनाई ये किट?

टेस्ट किट को डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (DBT) और BIRAC के नेतृत्व में ग्रैंड चैलेंज इंडिया नामक एक सरकारी प्रोमाग के हिस्से के रूप में बनाया गया था. देश के कई टॉप हॉस्पिटल्स और रिसर्च सेंटर्स ने किट को डेवलप करने और टेस्ट करने में मदद की. इनमें एम्स दिल्ली, एनआईसीपीआर नोएडा और एनआईआरआरसीएच मुंबई शामिल हैं. इन सभी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ भी काम किया. डब्ल्यूएचओ इस प्रोजेक्ट में ये देखने के लिए जुड़ा था कि टेस्ट सुरक्षित और सटीक हों.

क्यों खास है ये किट?

ये किट कैंसर का कारण बनने वाले HPV के 7-8 सबसे कॉमन प्रकारों की जांच करती है. यह टेस्ट को तेज, किफायती और प्रभावी बनाती है, जो भारत के लिए परफेक्ट है. किट टेस्टिंग के लिए RT-PCR नामक एक मेथड का इस्तेमाल करती है, जो COVID-19 महामारी के दौरान आम हो गई थी और बहुत सटीक है. प्रोजेक्ट का नेतृत्व करने वाली डॉ. नीरजा भटला ने कहा कि ये टेस्ट किट कैंसर को जल्दी पकड़ने में मदद करके जान बचा सकती हैं.

भारत के लिए ये किट क्यों जरूरी?

सर्वाइकल कैंसर भारतीय महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है. दुनिया में सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित हर 5 में से 1 महिला भारत से है. एक अन्य रिपोर्ट की मानें तो भारत में हर 8 मिनट में एक महिला सर्वाइकल कैंसर के कारण अपनी जान गवां रही है. इस कैंसर से होने वाली सभी मौतों में से 25% भारत में होती हैं, जिसका मुख्य कारण महिलाओं की समय पर जांच ना होना है. ऐसे में इसका इलाज बहुत देर से होता है और पेशेंट की हालत बिगड़ जाती है.

क्या है सर्वाइकल कैंसर?

सर्वाइकल कैंसर एक तरह का कैंसर है जो सर्विक्स में होता है. सर्विक्स, यूट्रेस का निचला हिस्सा होता है जो वैजाइना से जुड़ता है. सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण HPV (ह्यूमन पेपिलोमावायरस) नामक वायरस है. HPV बहुत आम है और अक्सर सेक्स के दौरान स्किन से स्किन के संपर्क में आने से भी फैलता है. सभी प्रकार के HPV कैंसर का कारण नहीं बनते हैं, लेकिन कुछ हाई रिस्क वाले सर्विक्स सेल्स में बदलाव ला सकते हैं, जो समय के साथ कैंसर में बदल सकते हैं.

अभी तक कैसे की जाती थी सर्वाइकल कैंसर की जांच?

सर्वाइकल कैंसर की जांच करने के तीन तरीके हैं, जो अभी तक इस्तेमाल किए जाते थे.

VIA टेस्ट- ये टेस्ट बहुत तेज तो होता है, लेकिन इसकी सटीकता पर प्रश्न चिन्ह है. दरअसल, इसके परिणाम हमेशा सटीक नहीं होते.

पैप स्मीयर – कई देशों में सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए पैप स्मीयर का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यह टेस्ट बहुत महंगा है.

HPV DNA टेस्ट – यह टेस्ट बहुत सटीक है, लेकिन कुछ जगहों में इसका इस्तेमाल करना मुश्किल है.

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