छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) पर्चा लीक मामले में सीबीआई ने स्पेशल कोर्ट में पहला पूरक चालान पेश किया है। सोमवार को पेश 2000 पन्नों के इस चालान में घोटाले से जुड़े कई अहम खुलासे किए गए हैं। एजेंसी ने सीजीपीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है।
इसके अलावा आरती वासनिक, जीवन किशोर ध्रुव, निशा कोसले और दीपा आडिल को आरोपी बनाया है। सभी आरोपियों की भूमिका का विस्तार से उल्लेख करते हुए सीबीआई ने सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट को जानकारी दी है। फिलहाल सभी आरोपी सीबीआई की न्यायिक रिमांड में जेल में बंद हैं।
दरअसल, 2020 से 2022 के बीच हुई पीएससी भर्ती परीक्षा में पारदर्शिता की अनदेखी कर राजनीतिक और प्रशासनिक रसूखदार परिवारों के उम्मीदवारों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी व अन्य राजपत्रित पद दिलाने का आरोप लगा है।
मामला गंभीर मानकर सरकार ने जांच सीबीआई को सौंपा। सीबीआई ने कई जगहों पर छापेमारी की, जिसमें गड़बड़ी से संबंधित कई दस्तावेज मिले। सीजीपीएससी 2021 में 171 पदों के लिए परीक्षा हुई थी। प्री में 2565, मेंस में 509 पास हुए और इंटरव्यू के बाद 170 की लिस्ट जारी हुई। इस मामले में अब तक 12 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
सीबीआई के मुताबिक टामन ने परीक्षा का पर्चा लीक कर घर पर साहिल, नीतेश, नीतेश की पत्नी निशा कोसले और दीपा आदिल को दिया। परीक्षा में दीपा जिला आबकारी अधिकारी, निशा डिप्टी कलेक्टर, साहिल डीएसपी और नीतेश डिप्टी कलेक्टर बने। ललित गणवीर ने पर्चा बजरंग पावर एंड इस्पात के डायरेक्टर श्रवण गोयल को दिया। उनके बेटे शशांक, बहू भूमिका ने उससे तैयारी की। दोनों डिप्टी कलेक्टर पद पर चुने गए।
भास्कर रिकॉल: आरती ने टामन और ललित के साथ पेपर दूसरों को दिए
सीजी पीएससी 2021 की परीक्षा के प्री और मेन्स दोनों के सभी सेट लीक हुए थे। ये लीक तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक ने चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर के साथ सचिव जीवन किशोर ध्रुव ने मिलकर किया। पर्चे छापने का ठेका कोलकाता के अरुण द्विवेदी की प्रिंटिंग प्रेस मेसर्स एकेडी प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था। कंपनी ने प्रिलिम्स के दो पर्चे तैयार किए थे। इसमें सामान्य अध्ययन और छत्तीसगढ़ से संबंधित 100 प्रश्नों का प्रश्न पत्र था। सामान्य अभिरुचि (सीसेट) के 100 प्रश्नों का दूसरा प्रश्न पत्र शामिल था।
कंपनी ने प्रश्न पत्र तैयार कर लिया और प्रिंट करने वाले थे। तभी आरती ने प्रिंटिंग कंपनी के मालिक अरुण द्विवेदी को फोन कर पर्चे रिव्यू कराने के लिए बुलाया। जनवरी 2021 में उसका स्टाफ महेश दास सात सेट में प्रश्न पत्र लेकर रायपुर आया। उसने सील बंद पर्चे आरती को सौंपे। आरती पर्चे लेकर घर चली गई। आरती ने उन्हें टामन और ललित के साथ मिलकर खोल लिया और कॉपी करवा ली। बाद में लिफाफा फिर से सील कर महेश को प्रिटिंग के लिए वापस दे दिया गया।