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चैतन्य बघेल आज कोर्ट में पेश, शराब घोटाले की जांच तीन महीने में पूरी करने के निर्देश

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को EOW आज रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश करेगी। EOW ने कोर्ट के निर्देश पर 24 सितंबर को रिमांड पर लिया था। जो 6 अक्टूबर को पूरी हो गई है। EOW के अधिकारियों का दावा है कि, चैतन्य बघेल से पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां मिली है। आने वाले दिनों में शराब घोटाले केस में जांच का दायरा बढ़ेगा। जिससे कुछ और लोगों पर भी कार्रवाई हो सकती है। बता दें कि, चैतन्य बघेल को ईडी ने 18 जुलाई 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था, तब से चैतन्य जेल में हैं। बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ED को 3 महीने और EOW को दो महीने के भीतर जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं। चैतन्य बघेल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने पर सरकार की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया था कि 3 महीने में विवेचना पूरी कर ली जाएगी। चैतन्य को 16.70 करोड़ की अवैध धनराशि मिली- ED शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चैतन्य बघेल को आरोपी बनाया है। आरोप है कि शराब घोटाले से प्राप्त कुल राशि में से 16.70 करोड़ रुपए चैतन्य के हिस्से में आए। इस अवैध धन को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश कर कानूनी रूप देने का प्रयास किया गया। ED ने बताया कि चैतन्य बघेल ने ब्लैक मनी को सफेद दिखाने के लिए फर्जी निवेश रिकॉर्ड प्रस्तुत किए। इसके अलावा, उन्होंने सिंडिकेट के सहयोग से करीब 1000 करोड़ रुपए की धनराशि की हेराफेरी में भाग लिया। चैतन्य के प्रोजेक्ट में 13-15 करोड़ का निवेश ED की जांच में सामने आया है कि चैतन्य बघेल के विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट (बघेल डेवलपर्स) में शराब घोटाले की धनराशि निवेश की गई थी। प्रोजेक्ट से जुड़े अकाउंटेंट्स के ठिकानों पर छापेमारी कर ED ने आवश्यक रिकॉर्ड जब्त किया था। प्रोजेक्ट के कंसल्टेंट राजेन्द्र जैन के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में वास्तविक खर्च 13-15 करोड़ रुपए था, जबकि रिकॉर्ड में केवल 7.14 करोड़ रुपए दर्शाए गए। जब्त डिजिटल उपकरणों से यह भी पता चला कि बघेल की कंपनी ने एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ रुपए कैश भुगतान किया, जिसे रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया गया। फर्जी फ्लैट खरीदी के माध्यम से धनराशि की हेराफेरी ED की जांच में पता चला कि त्रिलोक सिंह ढिल्लो ने 19 फ्लैट खरीदने के लिए 5 करोड़ रुपए बघेल डेवलपर्स को ट्रांसफर किए। इन फ्लैट्स को ढिल्लन ने अपने कर्मचारियों के नाम पर खरीदा, लेकिन भुगतान उन्होंने स्वयं किया। जांच में ढिल्लन के कर्मचारियों से पूछताछ के दौरान पता चला कि फ्लैट्स उनके नाम पर खरीदे गए थे, लेकिन भुगतान ढिल्लो ने किया। यह पूरा लेन-देन 19 अक्टूबर 2020 को ही किया गया था। ED का कहना है कि यह लेन-देन पूर्व-योजना के तहत किया गया था, ताकि ब्लैक मनी को कानूनी रूप से चैतन्य बघेल तक पहुँचाया जा सके। 5 करोड़ कैश के बदले फर्जी ट्रांसफर ED के अनुसार, भिलाई के एक ज्वेलर्स ने चैतन्य बघेल को 5 करोड़ रुपए उधार दिए, लेकिन जांच में यह सामने आया कि ये पैसे बघेल की दो कंपनियों को लोन के रूप में ट्रांसफर किए गए थे। इसके बाद, उसी ज्वेलर्स ने बघेल की कंपनी से 6 प्लॉट खरीदे, जिनकी कीमत 80 लाख रुपए थी। ED ने बताया कि यह पैसा शराब घोटाले से आया कैश था, जिसे बैंक के माध्यम से ट्रांसफर करके कानूनी रूप में दिखाया गया।
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