केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी ने झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन को टाइगर बताया है. इसके साथ-साथ उन्होंने चंपई सोरेन का एनडीए परिवार में स्वागत भी किया है, जबकि झारखंड के पूर्व सीएम ने अभी तक झारखंड मुक्ति मोर्चा को छोड़ने का ऐलान नहीं किया है. हालांकि, उन्होंने सोशल मीडिया पर पार्टी हाईकमान के व्यवहार को लेकर अपनी नाराजगी जरूर जाहिर की है.
जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा है, ‘चंपई दा आप टाइगर थे, टाइगर हैं और टाइगर ही रहेंगे. एनडीए परिवार में आपका स्वागत है. जोहार टाइगर.’ केंद्रीय मंत्री के इस बयान के बाद चंपई सोरेन को लेकर अटकलों का बाजार और गरम हो गया है. चंपई आज यानी रविवार को रांची से अचानक दिल्ली पहुंच गए. माना जा रहा है कि दिल्ली में वो बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं.
चंपई सोरेन ने पार्टी हाईकमान पर बोला हमला
दिल्ली पहुंचने के बाद रविवार शाम को चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया लंबा पोस्ट शेयर किया. इसमें उन्होंने बताया है कि कैसे उन्हें एक झटके में मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया. मुख्यमंत्री रहते हुए उनके अगले दो दिन के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया. जिस दिन विधायक दल की बैठक हुई थी उसी दिन मैंने कहा दिया था कि आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए मेरे पास तीन विकल्प थे. पहला राजनीति से सन्यास लेना, दूसरा अपना अलग संगठन खड़ा करना और तीसरा इस राह में अगर कोई साथी मिले ते उसके साथ आगे का सफर तय करना. उस दिन से लेकर आज तक, तथा आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों तक, इस सफर में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं.
झारखंड में जेएमएम के कद्दावर नेता हैं चंपई सोरेन
चंपई सोरेन की गिनती झारखंड में जेएमएम के कद्दावर और बड़े नेताओं में होती है. चंपई सात बार के विधायक हैं. पूर्व मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं. झारखंड के अलग राज्य बनने से पहले से चंपई राजनीति में सक्रिय हैं और 1991 पहली बार सरायकेला के से विधायक चुने गए थे. साल 2000 में झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद चंपई सोरेन शिबू सोरेन की जेएमएम के सदस्य बने. तब से लेकर अभी तक कदम-कदम पर पार्टी के साथ खड़े रहे हैं.
फरवरी में बने थे मुख्यमंत्री
इस साल जनवरी में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन को झारखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया था. चंपई सोरेन 2 फरवरी से 3 जुलाई तक झारखंड के 7वें मुख्यमंत्री के रूप में काम किया. जुलाई में हेमंत सोरेन की रिहाई के बाद पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दिया.