चन्दौली: जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक शुनिवार को उस समय हंगामे में बदल गई, जब सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच तीखी जुबानी जंग छिड़ गई, सपा और भाजपा के विधायकों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की झड़ी लगाते हुए ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया, जिससे बैठक का माहौल गरमा गया.
भाजपा के मुगलसराय विधायक रमेश जायसवाल और सपा के सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण यादव के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों ने भरी सभा में एक-दूसरे पर शब्दों के तीखे प्रहार किए, “तुम-तड़ाम” की भाषा और आरोप-प्रत्यारोप के बीच सभा का माहौल बिगड़ गया.
यह सब उस समय हुआ जब डीएम, एसपी सहित जिले के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे। सपा सांसद वीरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में चल रही इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले के विकास कार्यों की समीक्षा करना था, लेकिन विधायकगणों की अमर्यादित बहस ने इसे हंगामे में बदल दिया.
सभा में गूंजे तीखे शब्द, विकास पर हावी राजनीति
बैठक में सभी विधायकों, ब्लॉक प्रमुखों और सांसदों की मौजूदगी के बावजूद चर्चा का केंद्र विकास कार्य नहीं, बल्कि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप बन गया। सपा विधायक प्रभुनारायण यादव ने आरोप लगाया कि सरकार विकास कार्यों में भेदभाव कर रही है, जबकि भाजपा विधायक रमेश जायसवाल ने इसे सिरे से खारिज करते हुए पलटवार किया। इसी के बाद दोनों के बीच माहौल गरम हो गया.
सपा सांसद वीरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौजूद थे, लेकिन विधायकों की बहस ने बैठक को अव्यवस्थित कर दिया। डीएम और एसपी ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन हंगामा जारी रहा.
बैठक की गरिमा पर उठे सवाल
जनप्रतिनिधियों की अमर्यादित भाषा और हंगामे ने जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली पर चर्चा का विषय बन गई है.
नेताओं की बयानबाजी के बीच सवाल विकास पर
जहां इस बैठक का उद्देश्य जिले में विकास योजनाओं की समीक्षा और कार्यान्वयन सुनिश्चित करना था, वहीं नेताओं की बयानबाजी और राजनीतिक खींचतान ने विकास के एजेंडे को पीछे छोड़ दिया। अब सवाल यह है कि क्या ऐसे माहौल में जिले के विकास कार्य सही दिशा में आगे बढ़ पाएंगे?