चंदौली: रेउसा में भारतमाला परियोजना के भूमि अधिग्रहण पर भारी असंतोष, ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना जारी

चंदौली: राष्ट्रीय राजमार्ग के तहत चल रही भारतमाला परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर रेउसा गांव में गहरा असंतोष फैल गया है. बिना उचित मुआवजा दिए प्रशासन द्वारा घरों को गिराए जाने के खिलाफ ग्रामीण 15 जून से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि उनके मकान तोड़े जा रहे हैं जबकि उन्हें अब तक मुआवजे की रकम नहीं दी गई है.

Advertisement

ग्रामीणों ने बताया कि 11 जून को उपजिलाधिकारी के निर्देश पर बुलडोजर से कई घर ध्वस्त कर दिए गए और आदेश दिया गया कि 15 जून तक अधिग्रहित भूमि खाली कर दी जाए. इसके बावजूद प्रशासन ने उनकी कोई मांग नहीं मानी और जबरन कार्रवाई की. प्रशासन की इस कार्रवाई और अनिश्चितता से परेशान एक महिला ने भूख-हड़ताल शुरू कर दी, जिससे उसकी मृत्यु हो गई. इस घटना ने पूरे गांव में रोष और शोक का माहौल बना दिया है.

ग्रामीणों के धरने को अब राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का भी समर्थन मिलने लगा है. भाकपा (माले) के नेता अनिल पासवान ने गांव पहुंचकर उनकी मांगों को जायज बताया और लड़ाई जारी रखने का आश्वासन दिया. वहीं, भीम आर्मी के पूर्व जिलाध्यक्ष शैलेश कुमार ने कहा कि वे गरीबों को बेघर नहीं होने देंगे और हर स्तर पर उनकी लड़ाई लड़ेंगे.

धरने पर बैठे लोगों ने स्पष्ट किया है कि वे तब तक अपने स्थान से नहीं हटेंगे जब तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिलता. उनका कहना है कि मुआवजा मिलने के बाद ही वे भूमि अधिग्रहण के लिए सहमति देंगे. प्रशासन का कहना है कि भूमि अधिग्रहण की सभी प्रक्रियाएं कानूनी तरीके से पूरी की जा रही हैं. हालांकि, ग्रामीणों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने उनसे संवाद करने और समस्या समाधान का आश्वासन दिया है.

धरना अब तीसरे दिन भी जारी है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई अधिकारी ग्रामीणों से मिलने नहीं आया है. इस वजह से आसपास के इलाकों में भी इसका असर दिखने लगा है और ग्रामीणों को राजनीतिक-सामाजिक समर्थन मिल रहा है.

Advertisements