चंदौली : बिहार में शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा. तस्करों के नए-नए तरीके और योजनाएं लगातार पुलिस के रडार पर आ रही हैं. इस बार अलीनगर पुलिस और स्वाट/सर्विलांस टीम ने मिलकर ऐसा संगठित गिरोह बेनकाब किया, जो ऑटो के जरिए बड़े पैमाने पर अवैध शराब बिहार पहुंचाने की कोशिश कर रहा था.
24 फरवरी 2025 को तड़के 2:35 बजे पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि शराब से लदे ऑटो बिहार की तरफ जा रहे हैं. सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस ने अलीनगर गेट के पास चेकिंग अभियान चलाया. इस दौरान तीन ऑटो (UP65 GT5342, UP65 FT3425, UP65 LT1861) को रोका गया। तलाशी लेने पर पुलिस को 15 बोरी में कुल 228.75 लीटर अवैध अंग्रेजी शराब मिली.
गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में खुलासा किया कि वे बिहार में शराब की ऊंची कीमतों का फायदा उठाने के लिए तस्करी करते हैं. उन्होंने बताया कि बिहार में शराबबंदी के कारण अवैध शराब की भारी मांग है, और इसे वहां दुगुनी-तिगुनी कीमत पर आसानी से बेचा जा सकता है.
गिरफ्तार 15 तस्करों में अधिकांश पटना के निवासी हैं। ये लोग संगठित गिरोह बनाकर शराब इकट्ठा करते थे और उसे ऑटो के जरिए बिहार तक पहुंचाते थे. हर ऑटो में चालक सहित 5-5 लोग सवार थे, ताकि जरूरत पड़ने पर शराब को छुपाने या भागने की योजना बनाई जा सके.
तीनों ऑटो के चालक चंदौली जिले के मवई खुर्द गांव के निवासी हैं. जांच में सामने आया कि ये स्थानीय चालक तस्करों को बिहार तक पहुंचाने में मदद करते थे. पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और नेटवर्क की तलाश में जुट गई है.
थाना अलीनगर में मुकदमा संख्या 65/2025 धारा 60/63 आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर सभी 15 तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बरामद शराब और ऑटो को जब्त कर आगे की जांच की जा रही है.
पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने टीम की सराहना करते हुए इसे शराब तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता बताया. उन्होंने कहा, “इस तरह की कार्रवाई से तस्करों को बड़ा संदेश मिलेगा कि चंदौली पुलिस किसी भी गैरकानूनी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी.
बिहार में 2016 से लागू शराबबंदी के बावजूद तस्करों का नेटवर्क सक्रिय है. विशेषज्ञों के मुताबिक, शराबबंदी के बाद से बिहार में अवैध शराब का कारोबार एक समानांतर अर्थव्यवस्था बन चुका है. चंदौली से लेकर बिहार तक फैला यह नेटवर्क प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है.
अलीनगर पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल तस्करों के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि संगठित अपराध के खिलाफ मजबूत निगरानी और त्वरित कार्रवाई से बड़ा संदेश दिया जा सकता है.