चंदौली: जनपद के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र करवत स्थित मेडविन हॉस्पिटल में प्रसूता की मौत के बाद अस्पताल में हंगामा हो गया. आरोप है कि डॉक्टरों ने बिना परिजनों की अनुमति और जांच के प्रसूता का ऑपरेशन कर दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
घटना की सूचना पर पहुंचे परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल कर्मियों ने उनके साथ मारपीट की और मोबाइल छीनकर वीडियो डिलीट कर दिया. इसके बाद अस्पताल स्टाफ और डॉक्टर मौके से फरार हो गए.
बालूघाट, चुनार निवासी 27 वर्षीय अनिशा निषाद अपने पति दीपक निषाद के साथ मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के सुजाबाद गांव में रहती थीं. शुक्रवार को गर्भवती अनिशा को पेट में दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद उन्हें करवत स्थित मेडविन हॉस्पिटल ले जाया गया.
दीपक ने बताया कि उन्होंने अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहा था, लेकिन डॉक्टर ने कहा कि प्रसव का समय पूरा हो गया है और ऑपरेशन करना पड़ेगा.
दीपक ने अस्पताल से थोड़ी देर रुकने का अनुरोध किया और कहा कि वह आकर निर्णय लेंगे. लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर दिया और एक बच्ची का जन्म हुआ. दीपक के मुताबिक, जब वह अस्पताल पहुंचे तो उन्हें नवजात बच्ची को पकड़ाकर ‘नेग’ मांगा गया. उन्होंने 400 रुपये दिए और स्थिति सामान्य लग रही थी.
शनिवार की रात करीब 2 बजे अस्पताल से सूचना मिली कि अनिशा की मौत हो गई है. इसके बाद दीपक और परिजन अस्पताल पहुंचे. जब उन्होंने डॉक्टरों से स्पष्टीकरण मांगा और वीडियो बनाने का प्रयास किया, तो अस्पताल कर्मियों ने उनके साथ मारपीट की और वीडियो डिलीट कर दिया. इसके बाद डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ मौके से फरार हो गए.
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में न तो उचित डॉक्टर थे और न ही अस्पताल का पंजीकरण. स्थानीय लोगों ने भी बताया कि इस अस्पताल में पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं. अस्पताल बोर्ड पर 13 एमबीबीएस डॉक्टरों की लिस्ट दिखाई गई है. लेकिन हकीकत में कोई योग्य चिकित्सक मौजूद नहीं था.
मुगलसराय कोतवाली प्रभारी निरीक्षक विजय बहादुर सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया डॉक्टरों की लापरवाही सामने आ रही है. परिजनों की तहरीर पर कार्रवाई की जा रही है। मामले की जांच सीएमओ को सौंप दी गई है. दोषी पाए जाने पर अस्पताल और संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.
अनिशा की मौत के बाद उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. वह अपने पीछे 2.5 वर्षीय बेटे और नवजात बच्ची को छोड़ गई हैं. परिजनों ने अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और मुआवजे की मांग की है.
स्थानीय नागरिकों ने कहा कि इस अस्पताल की कार्यशैली पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं. प्रशासन से मांग है कि ऐसे अवैध और अपंजीकृत अस्पतालों पर तुरंत कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके.
इस घटना ने चिकित्सा संस्थानों की लापरवाही और गैर-जिम्मेदार रवैये को उजागर किया है. प्रशासन को इस मामले में सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि लोगों का स्वास्थ्य और जीवन सुरक्षित रह सके.