चंदौली: डीडीयू नगर के रविनगर निवासी और भारतीय रेल से सेवानिवृत्त 78 वर्षीय हीरालाल गुप्ता का गुरुवार को निधन हो गया. उनके पुत्र अनूप गुप्ता ने पिता की इच्छा का सम्मान करते हुए मरणोपरांत उनका नेत्रदान करवा कर दो लोगों को रोशनी का तोहफा दिया.
स्वर्गीय हीरालाल गुप्ता ने अपने जीवनकाल में नेत्रदान का संकल्प लिया था. उन्हें नेत्रदान की प्रेरणा उनके ही मोहल्ले के निवासी स्व. डॉ. सुरेश गर्ग से मिली थी, जिन्होंने अपने जीवन के बाद नेत्रदान किया था. स्व. गुप्ता ने उसी प्रेरणा से अपना रजिस्ट्रेशन करवा लिया था. पिता के निधन के बाद अनूप गुप्ता ने स्व. सुरेश गर्ग के पुत्र विकास गर्ग को इसकी सूचना दी। विकास गर्ग ने तुरंत वाराणसी के प्रसिद्ध नेत्र सर्जन डॉ. सुनील शाह के नेतृत्व में रामकटोरा स्थित आई बैंक की मेडिकल टीम को सूचित किया. इसके बाद डॉ. अजय मौर्य और उनकी टीम ने समय रहते स्व. गुप्ता का नेत्रदान संपन्न कराया.
इस अवसर पर अनूप गुप्ता ने कहा, “मेरे पिता जी मरकर भी अपनी आंखों से इस दुनिया को देख पाएंगे। नेत्रदान से बड़ा कोई दान नहीं. मैं सभी से अपील करता हूं कि वे भी नेत्रदान का संकल्प लें.” नेत्रदान प्रक्रिया के आयोजन में योगदान देने वाले विकास गर्ग ने बताया कि, यह उनका और उनकी टीम का 228वां नेत्रदान है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि नेत्रदान के जरिए अधिक से अधिक लोगों की जिंदगी में रोशनी लाई जा सके.”
नेत्रदान जैसे पुण्य कार्य न केवल दिवंगत आत्मा को अमर कर देते हैं, बल्कि जरूरतमंदों की अंधेरी दुनिया में रोशनी का संचार करते हैं. स्व. हीरालाल गुप्ता का यह कदम समाज के लिए प्रेरणादायक है. आइए, हम सब इस मुहिम का हिस्सा बनें और नेत्रदान का संकल्प लें.
“जाते-जाते दुनिया को रोशन करें, नेत्रदान करें.”