चंदौली: आरपीएफ डीडीयू की टीम ने बाल तस्करी के खिलाफ एक प्रभावी अभियान चलाते हुए तीन तस्करों को गिरफ्तार किया और उनके चंगुल से 9 बाल मजदूरों को बचा लिया, यह संयुक्त अभियान आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत के नेतृत्व में चलाया गया, जिसमें एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन, चाइल्ड हेल्प डेस्क टीम और AHTU (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) चंदौली ने भी सहयोग किया.
अलग-अलग एक्सप्रेस ट्रेनों में चलाए गए चेकिंग अभियान के दौरान ये बच्चे और तस्कर पकड़े गए.
– गरबा एक्सप्रेस (12938): चार बाल मजदूरों को ले जा रहे तस्कर सहदेव कुमार (निवासी चतरा, झारखंड) को गिरफ्तार किया गया.
– रानी कमलापति एक्सप्रेस (01666): दो बाल मजदूरों को ले जा रहे बिपिन कुमार (निवासी खगड़िया, बिहार) को हिरासत में लिया गया.
– सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस (12987): तीन बाल मजदूरों के साथ तस्कर प्रद्युम्न चौहान (निवासी कैमूर, बिहार) को गिरफ्तार किया गया.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
आरपीएफ की इस कार्रवाई में बाल मजदूरों की तस्करी कर उन्हें काम पर लगाने की साजिश को विफल कर दिया गया, सभी तस्करों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्यवाही के लिए मुगलसराय कोतवाली को सौंप दिया गया है, बचाए गए बच्चों को चाइल्ड हेल्प डेस्क टीम की निगरानी में सुरक्षित रखा गया है और आगे की प्रक्रिया के तहत उन्हें उनके परिवारों से जोड़ा जाएगा.
आरपीएफ के इस अभियान ने एक बार फिर मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में सफलता पाई है। परियोजना अधिकारी चंदा गुप्ता ने कहा, “बाल तस्करी एक गंभीर अपराध है, और इस तरह के अभियान बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं,”
इस कार्रवाई के बाद आरपीएफ और चाइल्ड हेल्प डेस्क ने नागरिकों से अपील की है कि बाल तस्करी की किसी भी सूचना पर तुरंत पुलिस या चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचित करें, यह अभियान एक सशक्त संदेश है कि बाल तस्करी के खिलाफ प्रशासन पूरी तरह सतर्क और सक्रिय है.