Chandra Grahan 2025: भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण शुरू, कुछ देर में दिखेगा ब्लड मून; लाल दिखेंगे चंदा मामा

Chandra Grahan 2025 News: आज दुनियाभर के लोगों की नजरें आसमान पर टिकी हुई थीं और इसकी वजह थी साल का आखिरी चंद्र ग्रहण. आखिरकार लोगों का इंतजार खत्म हुआ और चंद्र ग्रहण शुरू गया है. 7 सितंबर को रात 9:58 मिनट पर शुरू हुआ यह ग्रहण देशभर में नजर आया. भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में यह ग्रहण दिखाई दिया. खास बात यह है कि इस बार ग्रहण के दौरान चांद का रंग ब्लैक या ब्लू नहीं, बल्कि लाल रंग का दिखाई देगा. इसी वजह से इसे ब्लड मून कहा गया है. भारत में आप आसानी से इस ग्रहण को नंगी आंखों से देख सकते हैं. जब पृथ्वी पूरी तरह से चंद्रमा को ढक लेगी, तो ब्लड मून का नजारा दिखाई देगा, जो कि बस कुछ पलों में नजर आने वाला है.

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कितने बजे तक लगेगा चंद्र ग्रहण 2025?

भारतीय समय के मुताबिक, 7 सितंबर को रात 9:58 पर शुरू हुआ यह ग्रहण 8 सितंबर को देर रात 1:26 मिनट पर खत्म होगा. इस चंद्र ग्रहण का समय कुल 3 घंटे 28 मिनट होगा, जिसे 2022 के बाद सबसे लंबा ग्रहण कहा जा रहा है. नई दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, लखनऊ जैसे शहरों में यह पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई दिया.

मृत्यु पंचक और चंद्र ग्रहण 2025

ज्योतिषियों की मानें तो लगभग 122 सालों के बाद ऐसा संयोग बना है जब पितृ पक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण के साथ हुई. इसके अलावा, 7 सितंबर को लगा यह ग्रहण पंचक के दौरान लगा है. 6 सितंबर से मृत्यु पंचक की शुरुआत हुई, जो कि 10 सितंबर तक चलेंगे. हिंदू धर्म में मृत्यु पंचक और चंद्र ग्रहण दोनों की अवधि को ही अशुभ माना गया है. इस दौरान पूजा-पाठ, सगाई, विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे कोई भी कार्य नहीं किए जाते हैं.

दिल्ली में चंद्र ग्रहण का नजारा

साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 2025

आज 7 सितंबर को लगा यह ग्रहण साल का दूसरा चंद्र ग्रहण है. वहीं, साल का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को लगा था, जो कि भारत में नहीं दिखाई दिया था. इस ग्रहण के बाद अब इसी महीने में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है. साल का आखिरी और दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को लगेगा. हालांकि, यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा.

चंद्र ग्रहण में कौन सा मंत्र जपना चाहिए?

चंद्र ग्रहण के दौरान “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः” या “ॐ सोमाय नमः” जैसे चंद्र-दोष निवारक मंत्रों का जाप करना चाहिए, जिससे अशुभ प्रभावों से बचा जा सके. साथ ही, आप “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ चंद्रमसे नमः” जैसे मंत्रों का भी चंद्र ग्रहण के दौरान जाप कर सकते हैं.

चंद्र ग्रहण में क्या दान करना चाहिए?

चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ करना वर्जित माना गया है. हालांकि, इस दौरान दान करना पुण्यदायी होता है. चंद्र ग्रहण में किसी गरीब या जरूरतमंद को सफेद वस्त्र, दूध, दही, घी आदि दान कर सकते हैं. इससे चंद्र ग्रहण का अशुभ प्रभाव आप पर नहीं पड़ेगा.

चंद्र ग्रहण के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ करने या फिर देवी-देवताओं की मूर्ति को छूने से बचना चाहिए. चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन करने या फिर सोने से भी बचना चाहिए, क्योंकि इससे जीवन में नकारात्मकता बढ़ सकती है. चंद्र ग्रहण के दौरान कहीं बाहर न जाएं और मंत्रों का जाप करें.

चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिला को क्या नहीं करना चाहिए?

चंद्र ग्रहण में किसी भी गर्भवती महिला को ग्रहण को देखने से बचना चाहिए और न ही ग्रहण के समय घर से बाहर निकलना चाहिए. चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी तरह की नुकीली चीज जैसे सुई, धारदार कैंची या चाकू आदि का इस्तेमाल करने से भी बचना चाहिए.

चंद्र ग्रहण के बाद क्या उपाय करने चाहिए?

चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए आप मंत्र जाप, दान, और धार्मिक अनुष्ठान कर सकते हैं. चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र या चंद्रमा के मंत्र का जाप करना चाहिए. चंद्र ग्रहण के बाद स्नान करके गरीबों को अन्न, वस्त्र या अन्य सफेद चीजों का दान करें. घर में गंगाजल का छिड़काव करें और भगवान विष्णु संग भगवान शिव की आराधना करें.

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