आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और YSRCP अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने बुधवार (13 अगस्त,2025) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला किया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी आंध्र प्रदेश में वोटिंग खामियां पर चर्चा करने से बच रहे हैं और केवल दिल्ली या अन्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. रेड्डी ने सुझाव दिया कि मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी के जरिए राहुल गांधी से संपर्क में हैं
राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल
रेड्डी ने राहुल गांधी के चुनावी मुद्दों को चुनिंदा तरीके से उठाने पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी अरविंद केजरीवाल के बारे में क्यों नहीं बात करते? केजरीवाल खुद विधायक चुनाव हार गए. राहुल गांधी आंध्र प्रदेश के बारे में क्यों नहीं बोलते? चंद्रबाबू नायडू रेवंथ रेड्डी के माध्यम से उनसे संपर्क में हैं. ऐसे राहुल गांधी के बारे में मैं क्या कहूं, जो खुद ईमानदार नहीं हैं.”
रेड्डी ने विशेष रूप से आंध्र प्रदेश में वोट गिनती में खामियों को भी उजागर किया और कहा कि राहुल गांधी दिल्ली में वोट चोरी की बात करते हैं, लेकिन आंध्र प्रदेश में घोषित और गिने गए वोटों में 12.5 प्रतिशत का अंतर क्यों नहीं उठाते. उन्होंने इसे गंभीर विषय बताया क्योंकि वास्तविक अंतर 2.5 प्रतिशत था.
राहुल गांधी ने शेयर किया था फिक्शनल वीडियो
राहुल गांधी ने उसी दिन एक्स पर एक फिक्शनल वीडियो साझा किया था, जिसमें चुनावी प्रक्रिया की आलोचना की गई थी. वीडियो में कथित तौर पर बीजेपी के दो लोग चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ मिलकर नकली वोट डालते हुए दिखाए गए थे. वीडियो में यह भी दिखाया गया कि 50 वर्षीय मतदाता ‘गरीब दास’ और उनकी पत्नी को उनका वोट देने का अधिकार नहीं मिला क्योंकि उनके वोट पहले ही किसी और ने डाल दिए थे. वीडियो का अंत इस दृश्य के साथ होता है, जिसमें दोनों लोग बूथ लेवल अधिकारी के साथ साजिश रचते हैं और चुनाव आयोग को “इलेक्शन चोरी आयोग” कहकर संबोधित करते हैं. राहुल गांधी ने वीडियो के साथ बयान में कहा कि किसी के वोट की चोरी उनके अधिकार और पहचान की चोरी के बराबर है.
वोटिंग खामियां पर बड़ा सवाल
जगन मोहन रेड्डी ने इस मौके पर यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश में घोषित और गिने गए वोटों के बीच अंतर 12.5 प्रतिशत था, जो चिंताजनक है. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में नेताओं की जिम्मेदारी बनती है कि वे जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाएं. रेड्डी ने राहुल गांधी की इस चुप्पी को न केवल संदिग्ध बताया, बल्कि इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति गंभीर नजरअंदाजी भी करार दिया.