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चंद्राकर का बयान- कांग्रेस के वोट बैंक हैं घुसपैठिए; भूपेश ने पूछा- छत्तीसगढ़ में कितने बांग्लादेशी-पाकिस्तानी हैं?

शनिवार को रायपुर से बांग्लादेशी पति-पत्नी को गिरफ्तार किया गया है। घुसपैठ के मुद्दे को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और भारतीय जनता पार्टी के सीनियर विधायक अजय चंद्राकर आमने-सामने हैं।

अजय चंद्राकर ने भारत और छत्तीसगढ़ में इस तरह की घुसपैठ को लेकर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घुसपैठ के मामलों में भाजपा सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े किए हैं।

कागजात किसके कार्यकाल में बने यह बताया जाना चाहिए

अजय चंद्राकर ने कहा कि पूरे देश में कांग्रेस के शासनकाल में और तृणमूल कांग्रेस के शासनकाल में जनसंख्या का संतुलन बिगड़ गया। इसमें असम, पश्चिम बंगाल यह प्रमुख राज्य है, जहां से घुसपैठ हुई।

अब यह देशभर में फैल रहे हैं। लोग कागजात बनाकर रह रहे हैं। प्रशासन को जनता को यह बताना चाहिए कि यह कागजात किसके कार्यकाल में किस अधिकारी ने बनाए।

घुसपैठ करके जनसंख्या का असंतुलन पैदा करना कांग्रेस के लिए वोट बैंक जैसा है, उनके लिए ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा नहीं है। अभी जिस तरह की सरकार बांग्लादेश-पाकिस्तान में है, घुसपैठ एक बड़ी समस्या है। लेकिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के लिए वोट बैंक के समान है। इसलिए उनके बयानों पर कोई भरोसा नहीं किया जा सकता, यह देश बेच सकते हैं।

घुसपैठियों का हिसाब दे सरकार- पूर्व सीएम

बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अभी तक घुसपैठ का खूब आरोप लगाया। अब सवाल यह है कि कितने बांग्लादेशी, कितने रोहिंग्या रह रहे हैं, कितने पाकिस्तानी रह रहे हैं, छत्तीसगढ़ में सरकार अब तक इसका जवाब नहीं दे पाई है। मैंने विधानसभा में इसे लेकर प्रश्न भी किया था, लेकिन अब तक सरकार ने इसका जवाब नहीं दिया है।

बता दें कि रायपुर में जिस बांग्लादेशी दंपती को पुलिस ने पकड़ा वे फर्जी डॉक्यूमेंट की मदद से 16 साल से यहां रहे रहे थे। उन्होंने पड़ोसियों तक को शक नहीं होने दिया, हर बार वे खुद को पश्चिम बंगाल का बताते रहे।

पुलिस के रडार में वे लोग भी हैं जिन्होंने इनके डॉक्यूमेंट बनाने में मदद की। इनमें पार्षद समेत कई लोग हैं। बांग्लादेशी दंपती कहते थे कि, वे रायपुर कमाने खाने के लिए आए हैं। आरोपियों ने आसपास में ही कई बार किराए के घर बदले। नए घर पर शिफ्ट होने पर वह पिछले घर का पता बताते थे।

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