नेपाल में फिर हंगामा, राजशाही बहाल करने की मांग, पूर्व डिप्टी पीएम को पुलिस ने सड़क पर घसीटा, काठमांडू बंद का ऐलान 

नेपाल में 29 मई से शुरू हुए राजतंत्र समर्थकों के प्रदर्शन के चौथे दिन आज (रविवार) को पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के कुछ बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया है. इस दौरान पूर्व उप-प्रधानमंत्री कमल थापा को पुलिस ने घसीटते हुए हिरासत में लिया.

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देश में फिर से राजतंत्र की वापसी और हिंदू राष्ट्र की घोषणा को लेकर पिछले चार दिनों से जारी आंदोलन में आज उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई जब प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के सरकारी आवास की ओर बढ़ रहे थे. निषेधित (वर्जित) क्षेत्र होने के कारण वहां भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. साथ ही तीन लेयर में बैरिकेटिंग किया गया है.

पुलिस के सुरक्षा घेरा को तोड़ कर निषेधित क्षेत्र यानि प्रधानमंत्री के सरकारी आवास के तरफ बढ़ने की कोशिश करने के बाद पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किया और उनके कुछ बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है.

प्रधानमंत्री निवास निषेधित क्षेत्र तोड़ने के आरोप में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेता और पूर्व उप-प्रधानमंत्री कमल थापा सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुलिस ने पूर्व उप-प्रधानमंत्री को सड़क पर घसीटते हुए ले गए और उन्हें पुलिस की गाड़ी में बिठाया गया. उन्हें कुछ घंटों तक हिरासत में रखने के बाद देर शाम को रिहा कर दिया गया.

अपने गिरफ्तार नेता से मिलने जिला पुलिस मुख्यालय पहुंचे आरपीपी के एक सांसद को भी पुलिस ने नियंत्रण में ले लिया था. सांसद दीपक बहादुर सिंह को पुलिस थाना में अपने नेता से मिलने जाने के बाद नियंत्रण में लिया गया था. बाद में कमल थापा के साथ उनको भी रिहा कर दिया है.

इस गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के अध्यक्ष राजेन्द्र लिंगदेन ने कल (सोमवार) से काठमांडू में और अधिक तेज प्रदर्शन की घोषणा की है. शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने जाने के विरोध में कल काठमांडू बंद की घोषणा की गई है.

राजेन्द्र लिंगदेन ने कहा कि मैं राजा के लिए मरने के लिए तैयार हूं, मारने की बात तो मैं नहीं कह सकता क्योंकि वो मेरी क्षमता नहीं है पर राजा के लिए मैं अपनी जान दे सकती हूं.

पिछले चार दिनों से जारी राजतंत्र समर्थकों के प्रदर्शन में दिन प्रतिदिन बढ़ते तादाद को देखते हुए नेपाल सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निषेधाज्ञा जारी कर दिया है. काठमांडू जिला प्रशासन के तरफ से एक सूचना प्रकाशित करते हुए कल से काठमांडू के रिंग रोड के भीतर कहीं भी सभा, जुलूस, प्रदर्शन, धरना आदि पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के तीन स्थान पर पूर्व अनुमति लेकर शांतिपूर्ण सभा और धरना के लिए स्थान तय किया गया है. काठमांडू जिला प्रशासन के द्वारा जारी निषेधाज्ञा सूचना में कहा गया है कि कोटेश्वर, बल्खू और सिफल में ही प्रशासन की अनुमति लेकर ही सभा का आयोजन किया जा सकता है.

नेपाल सरकार ने देश के पूर्व राजपरिवार को राजदरबार में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी है. पूर्व राजपरिवार के तरफ से राजदरबार में दीप प्रज्वलन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिस पर सरकार ने रोक लगा दी है

नेल में राजपरिवार के हत्याकांड की बरसी पर राजदरबार के सदस्यों के द्वारा दीप प्रज्वलन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसके लिए पूर्व युवराज्ञी हिमानी शाह ट्रस्ट के तरफ से सभी को इसमें सहभागी होने की अपील भी की गई थी. कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी लेकिन रविवार की शाम में अचानक नेपाल सरकार के तरफ से पूर्व राजपरिवार के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के करने पर रोक लगा दी गई है

नेपाल ट्रस्ट के अधीन में रहे राजदरबार में किसी भी तरह के कार्यक्रम की अनुमति किसी को नहीं है इस तरह की जानकारी देते हुए राजपरिवार के द्वारा आयोजित कार्यक्रम को रोका गया है. ट्रस्ट के तरफ से कहा गया है कि राजदरबार के आसपास के क्षेत्र में जिला प्रशासन के द्वारा निषेधाज्ञा जारी किया गया है इसलिए राजदरबार में किसी भी तरह के कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जा रही है.

1 जून 2001 की शाम को नारायणहिटी राज दरबार के भीतर ही नेपाल के तत्कालीन राजा वीरेंद्र सहित उनके परिवार के सभी सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. पूर्व युवराज्ञी हिमानी शाह के तरफ से दीप प्रज्वलन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. सरकार के द्वारा इस कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद पूर्व युवराज्ञी हिमानी शाह के तरफ से यह जानकारी दी गई है कि यह कार्यक्रम अब राजदरबार में न होकर अब कहीं और किया जाएगा.

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