रायपुर में गुरुवार को आए आंधी-तूफान ने आम लोगों की जिंदगी को बुरी तरह से प्रभावित किया। शाम 4 बजे घरों से बिजली गुल हो गई। कहीं रात के 2 बजे तो कहीं सुबह 5 बजे के बाद बिजली वापस आ सकी। पूरी रात राजधानी के लोग, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे अंधेरे और मच्छरों की वजह से परेशान होते रहे।
बिजली विभाग के पास आई शिकायतों के मुताबिक, रायपुर के शहरी और ग्रामीण इलाकों को मिलाकर 150 से अधिक मुहल्लों में बिजली गुल थी। इनमें टिकरापारा, कबीरनगर, मोहबाबाजार, डीडी नगर, बढ़ईपारा, मोवा, सड्डू, गुढ़ियारी, बोरिया खुर्द जैसे इलाके शामिल हैं।
इन इलाकों में रहने वाली 10 लाख की आबादी परेशान होती रही। लोग बिजली शिकायत केंद्रों में फोन करते रहे। कहीं फोन उठा ही नहीं कहीं मदद भेजी जा रही है कहकर कर्मचारियों ने फोन काटा, मगर मदद नहीं मिली। वहीं, कबीर नगर के सेंटर बिजली कर्मचारी परेशान होकर भाग गया।
देर रात तक बिजली व्यवस्था बहाल नहीं
अधिकांश इलाकों में हाइटेंशन तार टूटने और पेड़ गिरने की वजह से बिजली व्यवस्था देर रात तक बहाल न हो सकी। हालात का जायजा लेने और लोगों को जल्द राहत दिलवाने के लिए कलेक्टर डॉ गौरव सिंह और SSP लाल उमेद सिंह और नगर निगम कमिश्नर विश्वदीप भी सड़कों पर उतर आए।
अधिकारी रात 2 से 3 बजे तक सड़कों पर ही सभी की शिकायतें सुनते और मेंटनेंस के काम में लगे बिजली विभाग के कर्मचारियों इंजीनियर्स से बात करते दिखे। रायपुर के अलग-अलग इलाकों में क्या स्थिति बनी इसे अपने कैमरे में कैद किया
कर्मचारी सेंटर छोड़कर भाग गया
कबीर नगर इलाके में बिजली शिकायत केंद्र में रात के 12:00 बजे लोगों की भीड़ पहुंच गई। वजह यह थी कि केंद्र पर कोई फोन नहीं उठा रहा था। लोग अपनी बिजली गुल होने की शिकायत नहीं दे पा रहे थे।
जब लोग यहां पहुंचे तो देखा दरवाजा बंद करके एक कर्मचारी रवाना होने की तैयारी में था लेकिन लोगों ने रोक लिया। कर्मचारी ने कहा कि मेरा सेंटर पर काम करने का समय पूरा हो चुका है, जो दूसरी टीम को आना था कोई नहीं आया है। इसलिए मैं जा रहा हूं।
भीड़ हंगामा करने लगी यह देखकर कर्मचारी भाग गया। सेंटर देर तक लावारिस रहा, लोगों की शिकायतों वाली फोन की घंटी सेंटर में यूं ही बजती रही। न कोई जवाब मिला न शिकायत नोट करने वाला कोई यहां घंटों तक पहुंचा।
रातभर लोग देखते रहे ट्रांसफॉर्मर रिपेयरिंग
रायपुर के डीडी नगर इलाके में भी रात 3 बजे अधिकांश घरों में बिजली लौटी। शाम 4 बजे से यहां भी बत्ती गुल थी। लोग आधी रात तक ट्रांसफॉर्मर रिपेयरिंग देखकर टाइम पास करते रहे। बिजली विभाग के कर्मचारी टूटे पेड़ों को हटाकर टॉर्च की रोशनी में तारों में समस्या कहां है ये ढूंढते रहे।
हाइटेंशन तार टूटे
तारों के यूं टूट जाने की वजह से समता कॉलोनी, चौबे कॉलोनी में भी बिजली नहीं आ पाई। कई इलाकों में सुबह ही बिजली लौटी है। करीब 30 से 45 मिनट की बारिश और तेज हवाओं की वजह से पेड़ों से टकराकर, तेज चिंगारी के साथ रायपुर में 80 से अधिक जगहों पर इसी तरह तार टूटकर गिर चुके थे।
शिकायत केंद्र में लोगों का बवाल, पुलिस आई
रायपुर के लाखे नगर विद्युत शिकायत केंद्र में देर रात तक लोगों की लाइन लगी रही। कई हिस्सों में बिजली न होने की वजह से लोग यहां पहुंचे। लोगों ने बताया कि उनके फोन नहीं उठाए जा रहे, कर्मचारी सिर्फ मेंटेनेंस स्टाफ भेजने की बात कर रहे हैं मगर उनके मोहल्ले में मेंटेनेंस स्टाफ कई घंटे से नहीं पहुंचा है।
इस वजह से लोगों ने यहां नारेबाजी शुरू कर दी । पास ही पेट्रोलिंग कर रही पुलिस भी यहां पहुंची। आधी रात तक लोगों की लाइन शिकायत खिड़की के बाहर लगी रही , लोग अपने-अपने मोहल्ले की समस्या बताते रहे।
यहां ऑल इज वेल
एक तरफ जहां पूरा शहर परेशान था VIPs के इलाके में परेशानी नहीं थी। लोगों के घरों के साथ-साथ शहर की सड़कों में स्ट्रीट लाइट भी नहीं जल रही थी। मगर देवेंद्र नगर की ऑफिसर्स कॉलोनी जहां कई नेता और अफसर रहते हैं वहां गार्डन, स्ट्रीट और बंगले रोशनी से जगमग थे।
आंधी ने जमकर मचाई तबाही
रायपुर समेत प्रदेश के कई हिस्सों में गुरुवार शाम चली आंधी ने जमकर तबाही मचाई। 70 से 74 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ऐसी आंधी 10 साल बाद चली है। देवेंद्र नगर चौक पर शेड गिरने से कई कारें दबी रही।
इसने तरपोंगी टोल को पूरी तरह गिर गया। लोहे का स्ट्रक्चर तेज हवा का दबाव नहीं झेल पाया और उड़कर पास में गिर गया। इससे घंटों ट्रैफिक जाम रहा। हालांकि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा है। प्रदेशभर में सैकड़ों जगहों पर पेड़ और होर्डिंग्स गिरने से कई घंटों तक ब्लैकआउट की स्थिति रही।