मराठी बोलने पर मचा बवाल… छात्र को हॉकी से पीटा, सिर फटा, जान लेने की धमकी देकर आरोपी फरार 

महाराष्ट्र के नवी मुंबई के वाशी में मंगलवार को भाषा विवाद में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पहले मराठी नहीं बोलने पर लोगों पर हमले की खबरें आती थीं, वहीं इस बार मामला उल्टा है. यहां एक छात्र के मराठी में बात करने पर कुछ युवकों ने उस पर जानलेवा हमला कर दिया

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पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 118(1) (खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाना), 352 (अपमान), 351(2), 351(3) (धमकी) और 3(5) (सामान्य इरादा) के तहत केस दर्ज किया है

जानकारी के मुताबिक, मुख्य आरोपी की पहचान फैजान नाइक के रूप में हुई है. उसके साथ तीन अन्य युवक भी एफआईआर में नामजद हैं. यह घटना वाशी के एक कॉलेज के बाहर मंगलवार सुबह करीब 10:30 बजे हुई. पीड़ित 20 वर्षीय छात्र ऐरोली के पवने गांव का निवासी है.

उसने बताया कि कॉलेज के बाहर बातचीत के दौरान जब उसने मराठी में बात की, तो आरोपी फैजान भड़क गया. उसने छात्र को मराठी में बोलने से मना किया. इसी बात पर दोनों के बीच बहस हुई, जो देखते-देखते झगड़े में बदल गई.

दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ने पर फैजान नाइक ने अपने तीन साथियों को मौके पर बुला लिया. इसके बाद चारों ने मिलकर छात्र पर जानलेवा हमला कर दिया. फैजान ने हॉकी स्टिक से उसके सिर पर जोरदार वार किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया.

इसके बाद आरोपियों ने उसे लात-घूंसों से पीटा. जान से मारने की धमकी भी दी. छात्र खून से लथपथ जमीन पर गिर पड़ा. आसपास के लोग तुरंत उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसका इलाज चल रहा है. फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम इस हमले को अत्यंत गंभीरता से ले रहे हैं. आरोपियों के खिलाफ सभी सुसंगत धाराओं में केस दर्ज किया गया है. पीड़ित की मेडिकल जांच कर ली गई है और उसका बयान भी दर्ज किया जा चुका है.

आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय चश्मदीदों की मदद ली जा रही है. इलाके में तनाव को देखते हुए कॉलेज के आसपास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है.

लोग आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. यह मामला न केवल भाषा के आधार पर भेदभाव को उजागर करता है, बल्कि शहरी इलाकों में बढ़ती असहिष्णुता और गुटबाज़ी की प्रवृत्ति पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है.

अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करती है. बड़ा सवाल ये भी है कि क्या यह हमला सिर्फ भाषा विवाद था या इसके पीछे कोई पुरानी रंजिश छुपी है? क्या यह पूरी तरह सुनियोजित था? इन सवालों के जवाब अब पुलिस जांच पर निर्भर है.

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