सूरजपुर/राजपुर: गणेश विसर्जन जुलूस का उल्लास और धूम-धड़ाका शनिवार को राजपुर थाना क्षेत्र में अचानक मातम में बदल गया. जुलूस में डीजे की धुन पर झूमते 16 वर्षीय किशोर प्रवीण गुप्ता की अचानक गिरकर मौत हो गई. यह हादसा इतने भयावह और अप्रत्याशित था कि आसपास के लोग सन्न रह गए और जुलूस का उत्साह पूरी तरह ठंडा पड़ गया.
प्रवीण गुप्ता, पिता विकास गुप्ता उर्फ विक्की का बेटा, महुआपारा, राजपुर का रहने वाला था. मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि प्रवीण डीजे की धुन पर नाच रहा था और अचानक उसके पैर फिसल गए. वह लड़खड़ाकर जमीन पर गिरा और तुरंत बेहोश हो गया. आसपास के लोगों ने आनन-फानन में उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
घटना का मंजर और परिजनों की प्रतिक्रिया
जुलूस में मौजूद ग्रामीण और परिजन इस हादसे को देखकर गहरे सदमे में थे. मृतक के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल था. स्थानीय लोगों का कहना है कि जुलूस में इतनी भीड़ थी कि मौके पर तुरंत पर्याप्त मदद मिल पाना मुश्किल था. कुछ महिलाएं भी घटना देख कर बेहोश हो गईं, जिन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया.
पड़ोसियों और गवाहों ने बताया कि प्रवीण अक्सर सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों में उत्साहपूर्वक भाग लेते थे. उनका नाचने का अंदाज दूसरों को भी उत्साहित करता था. लेकिन इस बार मौसम की नमी और जमीन की फिसलन ने हादसे को जन्म दिया.
चिकित्सीय दृष्टिकोण और अस्पताल की स्थिति
स्थानीय चिकित्सकों के अनुसार, किशोर की मौत अचानक कार्डियक अरेस्ट या सिर व गर्दन की गंभीर चोट की वजह से हुई हो सकती है. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में चिकित्सकीय सुविधा और तत्परता समय पर नहीं थी. उन्होंने कहा कि अगर तत्काल इलाज मिल जाता, तो जान बच सकती थी.
हादसे के बाद अस्पताल में कोहराम मच गया. परिजनों और स्थानीय लोगों ने चिकित्सकों की अनुपस्थिति और देरी को लेकर घंटों हंगामा किया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एसडीएम देवेंद्र प्रधान और थाना प्रभारी भारद्वाज सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. उन्होंने परिजनों को मामले की जांच कराने का भरोसा दिया और माहौल को शांत किया.
नगर में शोक और सामाजिक टिप्पणी
हादसे के बाद राजपुर नगर में गहरी शोक की लहर दौड़ गई. लोग अब चर्चा कर रहे हैं कि जुलूस में डीजे और जोरदार नृत्य के दौरान पर्याप्त सुरक्षा और सतर्कता क्यों नहीं बरती जाती. बुजुर्गों का कहना है कि उत्सव और हर्षोल्लास का मतलब यह नहीं कि सुरक्षा के नियमों को नजरअंदाज किया जाए.
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से अपील की है कि बड़े आयोजनों में मौके पर मेडिकल सुविधा और एम्बुलेंस की व्यवस्था अनिवार्य की जाए. इसके अलावा, जुलूस मार्ग पर सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के उपाय किए जाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके.
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
मृतक के शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आसपास के CCTV फुटेज को खंगाला जा रहा है. स्थानीय प्रशासन ने सभी आयोजकों को चेतावनी दी है कि आगे से किसी भी लापरवाही की अनुमति नहीं दी जाएगी.
इस हादसे ने एक बार फिर यह याद दिलाया कि धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव में सुरक्षा का ध्यान रखना जीवन रक्षा के लिए अनिवार्य है. किशोर प्रवीण गुप्ता की अचानक मौत न केवल परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि पूरे नगरवासियों के लिए गहरा सदमा लेकर आई है.