चारधाम यात्रा शुरू: गंगोत्री-यमुनोत्री धामों के कपाट खुले, 60 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद

अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर बुधवार को उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय क्षेत्र में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए, जिससे इस वर्ष की चारधाम यात्रा की विधिवत शुरुआत हो गई. यात्रा मार्गों पर करीब 6,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. इस साल 60 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.

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CM धामी ने दोनों धामों का दौरा किया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रा के पहले दिन दोनों धामों का दौरा किया और पूजा-अर्चना कर सभी के सुख-समृद्धि की कामना की. उन्होंने यमुनोत्री में पत्रकारों से कहा, ‘हम इस दिन का पूरे साल इंतजार करते हैं. चारधाम यात्रा हमारे लिए एक भव्य पर्व की तरह है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है.’

केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट 2 मई और 4 मई को खुलेंगे
गंगोत्री मंदिर के कपाट सुबह 10:30 बजे और यमुनोत्री मंदिर के कपाट दोपहर 11:55 बजे पारंपरिक विधियों के साथ खोले गए. मंदिरों की देखरेख करने वाली समितियों ने यह जानकारी दी. अन्य दो धाम केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट 2 मई और 4 मई को खुलेंगे. चारों धाम सर्दियों के दौरान छह महीने तक बंद रहते हैं.

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सरकार ने इस बार श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए हैं. यात्रा मार्गों पर करीब 6,000 पुलिसकर्मी, 17 पीएसी (प्रोविंशियल आर्म्ड कॉन्स्टेबुलरी) की कंपनियां और 10 अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां तैनात की गई हैं. इसके अलावा 65 से ज्यादा हादसे वाले क्षेत्रों में SDRF के जवानों को तैनात किया गया है.

60 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
अधिकारियों के अनुसार, इस साल अब तक देश-विदेश से 22 लाख से ज्यादा श्रद्धालु यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं. बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश गौर ने बताया कि इस बार यात्रियों की संख्या 60 लाख तक पहुंच सकती है, जो एक नया रिकॉर्ड होगा.

पिछले साल 48 लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की थी, हालांकि भारी बारिश से केदारनाथ पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण यात्रा दो हफ्ते बाधित रही थी.

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