छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गिरफ्त में हैं। ED ने अपनी चार्जशीट में Big-Boss वॉट्सऐप ग्रुप का खुलासा किया है। इस ग्रुप में चैतन्य बघेल, पुष्पक, सौम्या और दीपेंद्र सहित अन्य लोगों की जानकारी है।
वॉट्सएप ग्रुप में शराब घोटाले से जुड़ी चर्चा और पैसों के लेन-देन की बातें हैं। ED ने अपनी चार्जशीट में खुलासा किया है कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी रही सौम्या चौरसिया शराब सिंडिकेट के लोगों से बातचीत के दौरान IAS अफसरों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करती थी, उन्हें गाली देती थी।
इसके साथ ही उन्होंने कई बार सिंडिकेट के कुछ सदस्यों काे हिसाब किताब की जानकारी नहीं देने की बात भी लिखी है। चैट में इस बात का भी जिक्र है कि चैतन्य के लिए पप्पू बंसल, सौम्या के लिए दीपेंद्र कुरियर बॉय का काम करता था, ये उन्हें पैसे पहुंचाते थे, जिसे वह डिलीवर कहकर बात करते थे।
पप्पू बंसल ने खोला राज
दुर्ग-भिलाई के शराब कारोबारी और भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले लक्ष्मी नारायण उर्फ पप्पू बंसल ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया था। उन्होंने माना कि उन्होंने और चैतन्य ने मिलकर 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा कैश को मैनेज किया।
बंसल ने बताया कि यह रकम अनवर ढेबर से दीपेंद्र चावड़ा और फिर कांग्रेस नेताओं रामगोपाल अग्रवाल और केके श्रीवास्तव तक पहुंचाई जाती थी। बंसल ने यह भी स्वीकार किया कि तीन महीने की अवधि में ही उन्हें 136 करोड़ रुपए मिले।
रियल एस्टेट में लगाया ब्लैक मनी
ED ने आरोप लगाया कि चैतन्य ने अपने विठ्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट और बघेल डेवलपर्स एंड एसोसिएट्स में शराब घोटाले की रकम निवेश की। असल खर्च 13-15 करोड़ रुपए था, लेकिन दस्तावेजों में मात्र 7.14 करोड़ दिखाया गया।
वहीं डिजिटल डिवाइस की जांच से पता चला कि एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ रुपए कैश में भुगतान किया गया, जिसका हिसाब रिकॉर्ड में नहीं था। इसी प्रोजेक्ट में त्रिलोक सिंह ढिल्लों ने 19 फ्लैट खरीदे, लेकिन भुगतान खुद किया। ED के मुताबिक यह सब ब्लैक मनी को सफेद दिखाने के लिए किया गया।
मोबाइल चैट्स से खुलासा
ED ने जब अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और सौम्या चौरसिया के मोबाइल की जांच की तो चौंकाने वाले चैट्स मिले। अनवर के मोबाइल में चैतन्य का नंबर ‘बिट्टू’ नाम से सेव था। इसमें पैसों की डीलिंग और नकली होलोग्राम बनाने तक की चर्चा थी।