खैरागढ़: जल जंगल जमीन के उपासक माने जाने वाला आदिवासी समाज जो छत्तीसगढ़ प्रदेश के मूल निवासी भी माने जाते हैं, वही आदिवासी समाज अपनी परंपराओं और समाज के वरिष्ठों के प्रति सम्मान के लिए भी जाना जाता है. इसी क्रम में खैरागढ़ जिले के वनांचल ग्राम राजाबर निवासी प्रतापी राम सिंघनधूपे को आदिवासी समाज के द्वारा कंगना मांझी शौर्य सम्मान के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया है.
आपको बता दें कि प्रतापी राम सिंघनधूपे 1985 से कंगला मांझी संगठन से जुड़कर लगातार समाज और देश के हित में कार्य कर रहे थे, जिसके तहत उन्होंने अपने ही समाज की गलत नीतियों के विरोध में आवाज बुलंद की, साथ ही 44 गांव के भूमिहीन लोगों को सरकार द्वारा भूमि दिलाने में सहायता की, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सही मार्गदर्शन देकर उन्हें गलत रास्ते में भटकने से बचाया.
वहीं प्रतापी राम सिंघनधूपे की तबियत ठीक ना होने के कारण वे सम्मान प्राप्त करने जब दिल्ली नहीं पहुंचे तो कंगला मांझी संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष राजमाता फुलवा देवी कांगे स्वयं साल्हेवारा पहुंची और उन्हें सम्मानित किया.