राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने शनिवार को दावा किया कि उनका नाम इलेक्शन कमीशन द्वारा शुक्रवार को बिहार के लिए जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं है. पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने कहा, ‘मैंने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान गणना फॉर्म (Enumeration Forms) भरा था. लेकिन ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में मेरा नाम नहीं है. मैं आगामी विधानसभा चुनाव कैसे लड़ूंगा?’ तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्होंने इलेक्शन कमीशन के पोर्टल पर अपना ECIP (Electors Photo Identity Card) No. RAB2916120 डालकर सर्च किया तो No Records Found लिखकर आया.
हालांकि, चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव के दावे का फैक्ट चेक करते हुए बताया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में उनका नाम शामिल है. चुनाव आयोग ने बकायदा मतदाता सूची का वह प्रारूप भी जारी किया है, जिसमें तेजस्वी की फोटो के साथ उनका नाम, उम्र, पिता का नाम, मकान संख्या दर्ज है. राजद नेता के आरोपों पर चुनाव आयोग ने फौरन डेटा शेयर करते हुए कहा, ‘तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है. हमने लिस्ट शेयर की है और उनसे अनुरोध कर रहे हैं कि वह ध्यान से अपना नाम देख लें.’ चुनाव आयोग ने जो रिकॉर्ड शेयर किया उसमें तेजस्वी यादव का ECIP No. RAB0456228 था. चुनाव आयोग द्वारा शेयर किए गए ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में तेजस्वी यादव का नाम सीरियर नंबर 416 पर दर्ज है.

डिप्टी CM सम्राट चौधरी का तेजस्वी यादव पर तंज
तेजस्वी यादव के दावे का इलेक्शन कमीशन द्वारा फैक्ट चेक किए जाने के बाद बीजेपी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने उन पर तंज कसा. उन्होंने कहा, ‘तेजस्वी आपकी योग्यता पर मुझे ही नहीं, आपके परिवार और पूरे बिहार को भी शंका है. ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में अपना नाम खोजना आपके लिए बहुत मुश्किल लग रहा होगा. आपका नाम ससम्मान पिताजी के साथ दर्ज है, आप देख सकते हैं. भ्रामक और फर्जीवाड़े की दुकानदारी बंद कीजिए. राजद का भ्रम और डर दोनों बार-बार बोगस साबित हो रहा है.’
वोटर 1 सितंबर, 2025 तक जुड़वा सकते हैं नाम
तेजस्वी यादव ने सवाल किया कि अब मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा? चुनाव आयोग के मुताबिक बिहार में एसआईआर प्रक्रिया 1 सितंबर, 2025 को फाइनल वोटर लिस्ट पब्लिश होने के साथ समाप्त होगी. यानी जो ड्राफ्ट वोटर लिस्ट आयोग ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड की है, वह फाइनल नहीं है. मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने आश्वासन दिया है कि बिहार के सभी मतदाताओं और राजनीतिक दलों को संशोधित वोटर लिस्ट पर 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावे और आपत्तियां देने के लिए आमंत्रित किया जाएगा.
सीईसी ने कहा कि बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) और सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक निबंधन अधिकारी (EROs) राज्य में मतदाताओं या किसी भी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को 1 अगस्त से 1 सितंबर तक आगे आकर ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और हटाने तथा मतदाताओं से जुड़ी जानकारी में सुधार के लिए दावे और आपत्तियां देने के लिए आमंत्रित करेंगे. अगर तेजस्वी यादव का नाम सही में वोटर लिस्ट में नहीं होता, तब भी उन्हें इसे ठीक कराने के लिए दो महीने का समय मिलता.
बिहार में मतदाता सूची से हटेंगे 65 लाख नाम
बिहार में 24 जून से शुरू हुई एसआईआर प्रक्रिया के बाद अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी. चुनाव आयोग ने 27 जुलाई को एक प्रेस नोट में कहा था कि बिहार में मतदाता सूची में पंजीकृत 91.69% मतदाताओं ने अपने गणना फॉर्म जमा कर दिए हैं और 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाले ड्राफ्ट में उनका नाम शामिल होगा. चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि 24 जून, 2025 तक 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने गणना फॉर्म जमा कर दिए थे, जो एसआईआर प्रक्रिया में लोगों की भारी भागीदारी का संकेत है. इसका मतलब है कि 65 लाख मतदाताओं के नाम 1 अगस्त की मसौदा सूची में शामिल नहीं होंगे.चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता सूची में नाम न होने के कारणों में मतदाता की मृत्यु, स्थायी स्थानांतरण और एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत होना शामिल है.