उत्तर प्रदेश के IIT कानपुर में केमिकल इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्र धीरज सैनी (22) ने अपने हॉस्टल कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी बुधवार शाम तब हुई, जब अन्य छात्रों ने कमरे से असामान्य दुर्गंध आने की शिकायत की। इसकी सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंचे। कल्याणपुर पुलिस ने दरवाजा तोड़कर देखा तो धीरज का शव पंखे से लटका हुआ था।
धीरज सैनी हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के बुचौली रोड के रहने वाले थे। वह IIT कानपुर के हॉस्टल नंबर एक, कमरे नंबर 123 में रह रहे थे। पुलिस के अनुसार, 28 सितंबर के बाद से कोई उन्हें नहीं देख पाया था। छुट्टियों के कारण उनके क्लासमेट भी कमरे पर ध्यान नहीं दे पाए।
पुलिस ने प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की आशंका जताई है, लेकिन कारणों का पता अभी नहीं चल पाया है। फोरेंसिक टीम ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और धीरज के परिजनों को सूचना दी। IIT प्रशासन ने छात्र के परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
यह घटना IIT कानपुर में आत्महत्या के मामलों में एक और उदाहरण है। इससे पहले भी संस्थान में कई छात्रों ने आत्महत्या की थी, जिसके बाद काउंसलिंग सेल की भूमिका और प्रभाविता पर सवाल उठे थे। छात्र समुदाय और प्रशासन को इस तरह की घटनाओं से निपटने और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता बार-बार महसूस कराई जा रही है।
धीरज सैनी की मौत से IIT समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है। अन्य छात्र और प्रशासन ने मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। पुलिस अब मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।