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जवानों और किसानों से ही धान का कटोरा है सुरक्षित और समृद्ध: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

आपकी बेटी यहां बहुत अच्छे से रह रही है और देश सेवा में लगी हुई है. अभी आपकी बेटी से मिला हूं… मैं जब भी नारायणपुर आऊंगा तब आप सभी से मुलाकात करूंगा. जवानों और किसानों से ही धान का कटोरा सुरक्षित और समृद्ध है. जवान और किसान हमारे देश के दो मजबूत स्तंभ हैं और जय जवान-जय किसान का भाव हम सभी के हृदय में है. एक ओर जहां जवान देश की सुरक्षा में डटे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर अन्नदाता किसान हैं, जो हमारी अन्न की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं. यह संवाद ऐसा लग रहा था, मानों घर से दूर कोई अपना उनकी बेटी से मिला और इसकी खबर उन्हें दे रहा हो.

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बस्तर जिले के सेडवा स्थित CRPF के बस्तरिया बटालियन में रात्रि विश्राम कर अगले दिन सुबह लौटने के दौरान मुख्यमंत्री ने कैंप में जवानों से विदा लेते समय बस्तरिया बटालियन की जवान प्रमिका दुग्गा से उसका हाल-चाल पूछा. बातचीत के बीच मुख्यमंत्री ने उसके परिजनों से बात करने की इच्छा जताई. इस पर प्रमिका ने मोबाइल से अपनी मां मोतीबाई को फोन लगाया और मुख्यमंत्री से बात कराई.

मुख्यमंत्री श्री साय ने मोबाइल पर बात करते हुए प्रमिका की मां से घर के सभी सदस्यों का हाल-चाल जाना और सभी के स्वास्थ्य की जानकारी ली. उन्होंने बड़े अपनेपन से प्रमिका की मां से खेतों में धान की कटाई के बारे में भी पूछा. मुख्यमंत्री ने बातचीत के दौरान परिवार द्वारा उगाए जाने वाले फसलों की जानकारी ली और खेती-किसानी के संबंध में ढेर सारी बातें की. मुख्यमंत्री ने बातचीत के दौरान विनोद में मोती बाई से उनके घर आने पर चापड़ा चटनी खिलाने की बात पूछी, तो उन्होंने मुख्यमंत्री से सहज भाव से कहा कि आपको चापड़ा चटनी जरूर खिलाऊंगी. मुख्यमंत्री ने प्रमिका की मां को प्रणाम करते हुए बातचीत को समाप्त किया.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कैंप में जवानों के साथ खुशनुमा समय व्यतीत किया. जवानों के साथ उन्होंने रात का भोजन किया। उन्होंने जवानों को भोजन भी परोसा. उनकी सादगी, व्यवहार और अपनेपन ने सभी जवानों का दिल जीत लिया. मुख्यमंत्री साय और बस्तरिया बटालियन की जवान प्रमिका की मां के बीच मोबाइल पर बात सुनकर सभी जवानों के मन में यही भाव था कि मुख्यमंत्री न केवल अपने जवानों की, बल्कि घर से दूर उनके परिवारों की भी उतनी ही चिंता करते हैं. प्रदेश के संवेदनशील मुखिया श्री विष्णु देव साय का सरोकार एवं जुड़ाव सभी किसानों और जवानों के साथ ही उनके परिवारों से भी समान रूप से है. अतिथि सत्कार और अपने अतिथि को उनके मनपसंद व्यंजन खिलाने की संस्कृति भी हमारी परंपरा में है. यही बात मुख्यमंत्री और श्रीमती मोती बाई के बीच चापड़ा चटनी को लेकर हुई बातचीत में भी नजर आई. मुख्यमंत्री ने जवान की मां को प्रणाम कर बातचीत खत्म की, मानो कोई अपने परिवार के किसी बड़े बुजुर्ग से बेहद आत्मीयता और सम्मान से बात कर रहा हो. मुख्यमंत्री का यह व्यवहार और अपनापन जवानों व किसानों के प्रति उनके मन में समाहित गहरे सम्मान की भावना को व्यक्त करता है.

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