रायपुर। रक्तदान को महादान कहा जाता है। किसी जरूरतमंद को खूद देकर उसकी जान बचाई जा सकती है। इंसानियत के इस सेवा भाव लिए राजधानी के कई स्वयंसेवी किसी भी समय रक्त दान के लिए तत्पर होते हैं। रक्तदान को बढ़ावा देने और रक्तदान को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 14 जून को दुनियाभर में विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष धन्यवाद रक्तदाता के थीम पर यह दिवस मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर प्रस्तुत है रक्तदताओं के ऐसे समूह से आज समाज के लिए वरदान बन चुका है। रक्तदाताओं का यह समूह जरूरतमंद तक पहुंचाकर जीवन रक्षक बन चुकें है। जिसे आज समाज भी “धन्यवाद हीरोज” कह रहे हैं। शहर के विवेक कुमार साहू भी पिछले 12 सालों से घायल या जरूरतमंद लोगों तक रक्त पहुंचाकर उनको नया जीवन देने का काम कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ ब्लड डोनर संस्था के माध्यम से वे अब तक 25 हजार जरूरतमंद तक निश्शुल्क ब्लड पहुंचा चुके हैं।
सबसे रेयर ब्लड ग्रुप को डोनर के माध्यम से दे रहे निश्शुल्क
विवेक व उनकी टीम ऐसे लोगों को भी ब्लड उपलब्ध करा रहे हैं, जिनका ब्लड ग्रुप सबसे दुर्लभ माना जाता है। अब तक 30 लोगों को बांबे ब्लड ग्रुप पहुंचाकर उनकी जान बचा चुके हैं। पूरे प्रदेश में लगभग 20 लोगों का बांबे ब्लड ग्रुप है, जिसमें से 11 लोग समूह से जुड़े हुए है। विवेक बताते हैं कि छत्तीसगढ़ ब्लड डोनर संस्था की शुरुआत वर्ष 2012 में 10 लोगों के साथ हुई थी। अब वाट्सग्रुप समूह में राज्य भर से पांच हजार लोग जुड़े हुए है, जो एक सूचना पर तुरंत रक्तदान के लिए पहुंच जाते हैं।
संस्था के माध्यम से रक्तदान करने वाला डोनर संस्था का सदस्य बन जाता है। पिछले एक साल से 100 थैलेसेमिया बच्चों के लिए प्रति माह रक्त उपलब्ध कराया जा रहा है। विवेक ने बताया कि वे अधिकतर जरूरतमंद तक इंटरनेट मीडिया से पहुंच रहे हैं। उनके बनाएं वाट्सएप ग्रुप में 20 हजार से अधिक लोग जुड़े हुए है। इसके साथ वेबसाइट www.cgblooddoner.com है, जिसपर दिए गए नंबर पर प्रतिदिन दो-तीन लोग संपर्क करते है।
खून की कमी के कारण बच्चा अब नहीं रहा, पिता ने दूसरों की जान बचाने का उठाया बीड़ा
ओम साई रक्तदाता सेवार्थ समिति रायपुर 2009 से लगातार जरूरतमंद तक निश्शुल्क ब्लड पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। संस्था में लगभग 60 लोग है जो आवश्यकता पड़ने पर दिन के चौबिसों घंटे रक्त देने के लिए पहुंच जाते हैं। अब तक यह समूह 15 हजार ब्लड से डोनेट करा चुकें है। साथ ही समिति लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित भी करती है। समिति के संस्थापक और अध्यक्ष एब्लूआरएस कालोनी निवासी एम वासुदेव राय पेशे से रेल्वे कर्मचारी है।
बात सन 2000 है कि जब उनके प्री मेच्योर बच्चे की खून की कमी के कारण मृत्यु हो गई। दो घंटे के अंदर बच्चे को रक्त मिल जाता तो सायद जान बच सकती थी। इस घटना के बाद उन्होंने लक्ष्य बना लिया कि जितना ज्यादा हो सकें, जरूरतमंद तक रक्त पहुंचाएंगे। इस तरह उन्होंने ओम साई रक्तदाता सेवार्थ समिति की नीव रखी। 52 वर्षीय एम वासुदेव स्वयं 50 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं।