मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज कोरबा कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक आयोजित हुई. मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन के बाद आज की यह पहली बैठक एक नए संकल्प और दृष्टिकोण के साथ आयोजित हो रही है. उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के कल्याण और समग्र विकास के लिए सरकार सभी ठोस कदम उठा रही है. विकास कार्यों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी. मुख्यमंत्री साय ने मध्य क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले अनुसूचित जनजाति समुदाय के बेहतर विकास के लिए प्राधिकरण की बजट राशि 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ रुपये करने की घोषणा की हैं.
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर, सरगुजा और मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरणों के साथ-साथ अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण और अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरणों का गठन कर समावेशी विकास की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि इन प्राधिकरणों का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और जनसुविधाओं को हर गांव, हर परिवार तक पहुंचाना है. पूर्व सरकार की लचर कार्यप्रणाली के कारण प्राधिकरणों के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी रही. निगरानी के अभाव में कई योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पाईं. हमारी सरकार ने इस स्थिति को बदलने के लिए प्राधिकरणों का पुनर्गठन किया है.
प्राधिकरण में जनप्रतिनिधित्व को और व्यापक बनाने के लिए सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है. अब प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा और लोकसभा सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष और अन्य महत्वपूर्ण जनप्रतिनिधि इसके सदस्य बनाए गए हैं. इसके अतिरिक्त, आदिवासी विकास के क्षेत्र में कार्यरत दो समाजसेवियों और विशेषज्ञों को प्राधिकरण का सदस्य मनोनीत करने का निर्णय लिया गया है ताकि उनके अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ विकास योजनाओं को मिल सके.
PM जनमन योजना ने खोलीं नई संभावनाएं
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में आदिवासी समुदायों के लिए विशेष योजनाएं लागू करने पर सरकार खास जोर दे रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और पीएम जनमन योजना ने छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं खोली हैं. इन योजनाओं के तहत आवास, सड़क, बिजली, पानी और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे बुनियादी ढांचों का विकास तेजी से किया जा रहा है. मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मध्य क्षेत्र में आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए स्व-सहायता समूहों को और मजबूत करने पर बल दिया जा रहा है. इन समूहों के जरिए महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण, ऋण सुविधाएं और बाजार से जोड़ने की पहल की जाएगी ताकि वो आत्मनिर्भर बन सकें. मध्य क्षेत्र के युवाओं के लिए तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार और स्व-रोजगार के लिए तैयार किया जाएगा.
जनजातीय संस्कृति को संरक्षित रखने की दिशा में कार्य
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति समृद्ध है. हमें जनजातीय संस्कृति और परंपरा को संरक्षित रखने की दिशा में कार्य करना होगा. विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि की व्यवस्थाओं में प्राधिकरण मुख्य भूमिका निभाएगा. उन्होंने आदिवासी समाज के लोगों को शराब छोड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए पुनर्वास केंद्र, प्रारंभिक शिक्षा, खेल और विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए स्थायी पंप कनेक्शन उपलब्ध कराने के सुझाव दिए हैं.
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय खुद पूरी सरकार के साथ बैठक करने कोरबा आए हैं. 30 नवंबर 2019 के बाद यह बैठक नहीं हुई थी. मुख्यमंत्री खुद अनुसूचित क्षेत्र में जाकर बैठक कर रहे हैं. यह उनकी प्रतिबद्धता दर्शाता है. प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रणव कुमार मरपच्ची ने कहा कि बजट राशि बढ़ाए जाने से आदिवासी बहुल क्षेत्र में विकास कार्यों में बढ़ोतरी होगी.
मुख्यमंत्री साय ने आदिवासी बच्चों और युवाओं की प्रतिभा को निखारने के लिए विशेष घोषणाएं कीं. उन्होंने कोरबा में बालक-बालिका क्रीड़ा परिसर के निर्माण और संचालन के लिए 10-10 करोड़ रुपये स्वीकृत किए. इसी तरह विशेष पिछड़ी जनजातियों के खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने के लिए दो बालक-बालिका खेल परिसरों हेतु 10-10 करोड़ रुपये की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने विशेष पिछड़ी जनजाति के विद्यार्थियों के लिए आवासीय विद्यालय स्थापित करने के लिए 5 करोड़ रुपये स्वीकृत करने की भी घोषणा की.
आधारभूत संरचना और पर्यटन
मुख्यमंत्री साय ने कोरबा शहर में आवागमन को सुव्यवस्थित करने के लिए महत्वपूर्ण सुनालिया पुल निर्माण के लिए 9 करोड़ रुपये की घोषणा की. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुका-सतरेंगा पर्यटन प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिए. उन्होंने वन विभाग को 2 महीने के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015 से पहले की 115 अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 2,800 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. इन परियोजनाओं के पूरा होने पर लगभग 76 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी.
मध्य क्षेत्र आदिवासी प्राधिकरण के अंतर्गत साल 2021-22 में 32 करोड़ 67 लाख रुपये के 544 विकास कार्य स्वीकृत किए गए थे जिनमें से 539 कार्य पूरे हो चुके हैं. इसी तरह साल 2022-23 में 32 करोड़ 72 लाख रुपये के कुल 491 स्वीकृत कार्यों में से 482 कार्य पूरे हो गए. साल 2023-24 में 32 करोड़ 67 लाख रुपये के कुल 464 स्वीकृत कार्यों में से 424 कार्य पूरे हुए. साल 2024-25 में 48 करोड़ 28 लाख रुपये के कुल 508 स्वीकृत कार्यों में से 123 कार्य पूरे किए जा चुके हैं और शेष कार्य प्रगति पर हैं. मुख्यमंत्री ने सभी अधूरे कार्यों को जल्दी पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
बैठक में मंत्रीगण रामविचार नेताम, दयालदास बघेल, केदार कश्यप, लखनलाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, ओ.पी. चौधरी, टंकराम वर्मा, गजेंद्र यादव, गुरु खुशवंत साहेब, राजेश अग्रवाल, सांसद लोकसभा, संतोष पांडेय सहित विधायकगण, जिला पंचायत अध्यक्ष और सदस्यगण, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, मनोज पिंगुआ, प्राधिकरण के सचिव बसवराजू, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, बिलासपुर संभागायुक्त सुनील जैन, प्रभारी आईजी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वी. श्रीनिवास राव, कलेक्टर कोरबा अजीत वसंत सहित अन्य जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे.