मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित श्रमिक महासम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश के श्रमिकों के परिश्रम और योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि श्रमिक समाज की रीढ़ हैं और उनके समर्पण और मेहनत से ही विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत का सपना साकार होगा। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के उत्साह और भागीदारी को प्रदेशवासियों के सपनों की पूर्ति का मार्गदर्शक बताया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दीदी ई-रिक्शा योजना और निर्माण श्रमिक सहायता योजना के तहत मिलने वाली राशि बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये करने की घोषणा की। इससे पहले यह सहायता राशि 1 लाख रुपये थी। साथ ही पंजीकृत श्रमिकों की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच और इलाज का संपूर्ण खर्च अब श्रम विभाग द्वारा किया जाएगा।
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। चाहे वह स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा हो या आवास और औजारों की सुविधा, सरकार हर कदम पर श्रमिकों के साथ खड़ी है। उन्होंने बताया कि आज 1 लाख 84 हजार 220 श्रमिकों के खातों में विभिन्न योजनाओं के तहत 65.16 करोड़ रुपये से अधिक की राशि डीबीटी के माध्यम से अंतरित की गई। उन्होंने अपंजीकृत श्रमिक की कार्यस्थल पर मृत्यु होने पर एक लाख रुपये की सहायता राशि की व्यवस्था का भी उल्लेख किया।
शिक्षा के क्षेत्र में भी मुख्यमंत्री ने विशेष ध्यान दिया। अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना के तहत बच्चों को आईआईटी, जेईई, नीट और सीए जैसी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग प्रदान की जाएगी। दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए ‘ट्राइबल हॉस्टल’ की सीटें 50 से बढ़ाकर 185 कर दी गई हैं।
कार्यक्रम में श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि राज्य तेजी से विकास की ओर अग्रसर है और सरकार श्रमिकों के हित में लगातार कार्य कर रही है। समारोह में कृषि मंत्री, वित्त मंत्री, वन मंत्री, खाद्य मंत्री, सांसद, विधायकगण और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों की मेहनत को नमन करते हुए उन्हें प्रदेश और राष्ट्र के निर्माण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
इस कदम से न केवल श्रमिकों को वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि उनके सामाजिक और शैक्षणिक कल्याण में भी सुधार होगा, जिससे छत्तीसगढ़ में समग्र विकास को गति मिलेगी।