छत्तीसगढ़ को गांजा तस्करों ने सप्लाई का कॉरिडोर बना लिया है। प्रदेश के रास्ते देश के 15 से ज्यादा राज्यों में नशे की सप्लाई की जा रही है। छत्तीसगढ़ में पिछले 5 साल में गांजा, तस्करी, ड्रग्स समेत सूखे नशे के 5058 प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
हाल ही में रायपुर पुलिस ने इंटर स्टेट तस्कर को पकड़ा है। आरोपी ओडिशा से गांजा लाकर रायपुर में खपाने की तैयारी में था। खरीदार का इंतजार कर रहा था। मुखबिर से मिली सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर कालाहाण्डी ओडिशा निवासी आरोपी चिरंजीवी नायक को गिरफ्तार किया है।
ओडिशा से रायपुर तक पहुंचने का रूट मैप
आरोपी से 5 किलो से ज्यादा गांजा और चार पहिया वाहन को पुलिस ने जब्त किया है। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने ओडिशा से रायपुर तक पहुंचने का रूट मैप बताया है। आरोपी पूर्व में कितनी बार गांजा सप्लाई कर चुका है ? उसके संपर्क में रायपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों में कौन-कौन तस्कर है? इसका पता पुलिस अधिकारी लगा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ होकर देश के 15 से ज्यादा राज्यों में जाता है गांजा
ओडिशा का मलकानगिरी पहाड़ी से लगे हुए गांवों में गांजा की खेती है। मलकानगिरी से छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश की सीमा जुड़ी हुई है। गांजा कारोबारी यहीं से पूरा कारोबार चला रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार गांजा तस्कर प्रदेश को कॉरिडोर के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। प्रदेश से होकर देश के 15 से ज्यादा राज्यों में ओडिशा का गांजा सप्लाई होता है।
गांजा तस्करी का मुख्य रास्ता छत्तीसगढ़ के बस्तर, महासमुंद और रायगढ़ से होकर गुजरता है। इन्हीं तीन जिलों के अलग-अलग रास्तों से तस्कर गांजे की खेप अलग-अलग राज्यों में लेकर जाते हैं।
सबसे ज्यादा गांजा हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दमन-दीव, हिमाचल प्रदेश, आंधप्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर में भेजा जाता है। करोड़ों रुपए के इस नशे के कारोबार में कोई एक व्यक्ति या गैंग नहीं, बल्कि ओडिशा और आंध्र के कई गांव के गांव शामिल हैं।
नशे के लिए देश में गांजा दूसरे नंबर की पसंद
इधर, नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट (एनडीटीटी) एम्स की रिपोर्ट के अनुसार देश में जितनी आबादी नशा करती है। उनमें नशे के लिए उपयोग में लाये जाने वाले नशीले पदार्थ में शराब नंबर वन पर है तो गांजा दूसरे नंबर पर है।
एनडीटीटी की मानें तो देश की करीब 20 प्रतिशत आबादी अलग-अलग प्रकार का नशा करती है। जानें कौन-सा नशा कितनी प्रतिशत आबादी करती है।
5 साल में 5058 प्रकरण दर्ज किए छग पुलिस ने
छत्तीसगढ़ में बीते पांच साल में सूखे नशे की तस्करी करते हुए पुलिस ने 5058 प्रकरण दर्ज किए। इसमें 7638 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पांच साल पुलिस ने छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक गांजे के तस्करों को पकड़ा। 2019 में जहां 797 लोग पकड़े गए, वहीं 2023 में 1041 लोगों की गिरफ्तारी हुई। इस दौरान कुल 3871 प्रकरणों में 5790 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
961 प्रकरणों में 1492 लोगों की गिरफ्तारी
वहीं नशीली दवा बेचने के आरोप में बीते पांच साल में कुल 961 प्रकरणों में 1492 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। 2019 में जहां चरस का राज्य में नामों निशान तक नहीं था, 2023 आते तक पुलिस ने 16 प्रकरण दर्ज किए। इसमें 30 लोग गिरफ्तार हुए हैं। 5 साल में 11 लोगों को एमडीएम की तस्करी करते हुए भी पकड़ा गया।
2023 तक 34 प्रकरण अफीम तस्करी के दर्ज हैं, जबकि 2019 में एक भी मामला दर्ज नहीं था। इसमें 54 की गिरफ्तारी हुई है। दिल्ली-मुंबई में मिलने वाले हेरोईन का कारोबार छत्तीसगढ़ में भी तेजी से बढ़ा है। 2019 में जहां एक भी मामला नहीं था, 2023 तक 17 प्रकरणों में 27 की गिरफ्तारी हुई है।