शिक्षादूतों की हत्या करने वाले माओवादियों के लिए छत्तीसगढ़ में पुनर्वास के रास्ते बंद: डिप्टी सीएम विजय शर्मा

छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादियों के खिलाफ अंतिम लड़ाई लड़ी जा रही है. इस लड़ाई में जवानों को बीते 19 महीने में काफी सफलता मिली है. वहीं माओवादियों ने भी मुखबिरी के नाम पर लगातार ग्रामीणों की हत्याएं की है. इनमें बस्तर के अंदरूनी इलाकों में शिक्षा पर कार्य कर रहे शिक्षादूत भी शामिल हैं. बीते 2 सालों में माओवादियों ने 05 शिक्षादूत की हत्या की है.

गृह मंत्री विजय शर्मा का बड़ा बयान: शिक्षादूत की हत्या पर छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि शिक्षादूत की हत्या करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास का लाभ नहीं दिया जाएगा.

“नक्सली नहीं चाहते कि बस्तर के बच्चे शिक्षित हो”: शुक्रवार को गृह मंत्री विजय शर्मा बस्तर पहुंचे. यहां उन्होंने कहा कि नक्सली अपने बच्चों को देश विदेश के बड़े बड़े विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं.दिल्ली और हैदराबाद के बड़े-बड़े संस्थानों में उनके बच्चे पढ़ रहे हैं. लेकिन नक्सली बस्तर के बच्चों को शिक्षा नहीं दिलाना चाहते. यही वजह है कि स्कूलों को बम से उड़ाया जाता है. शर्मा ने कहा कि नक्सली शिक्षा दूतों की हत्या करते हैं. आखिर एक शिक्षक जो बच्चों को पढ़ा रहा है उसे क्यों मारा जाता है. ये बिल्कुल गलत है. ऐसा नहीं होना चाहिए.

बेमेतरा में जमीन विवाद में टीचर की हत्या: एक तरफ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षादूतों की हत्या की जा रही है तो वहीं बेमेतरा में भी शिक्षक की हत्या का मामला सामने आया है. पैतृक जमीन विवाद में शिक्षक की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई. शिक्षक का नाम सतीश राय है. गुरुवार को हेमाबंद में पदस्थ शिक्षक सतीश राय का करचुवा मुख्य मार्ग पर डीकेश्वर राय और जीवनलाल राय ने रास्ता रोका और फरसा (धारदार) हथियार से उनके गले में वार कर दिया. जिससे मौके पर ही टीचर की मौत हो गई.

24 घंटे में बेमेतरा पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा: घटना के बाद खंडसरा चौकी पुलिस और साइबर सेल ने तुरंत जांच शुरू की. संदेह के आधार पर आरोपी डीगेश्वर राय और जीवनलाल राय से पूछताछ की. आरोपियों ने पैतृक जमीन विवाद को लेकर घटना को अंजाम देना स्वीकार किया. जिसके बाद दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है. 24 घंटे के भीतर पुलिस आरोपियों तक पहुंचने में कामयाब हो गई.

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