छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने आरक्षक भर्ती पर दायर जनहित याचिका खारिज की

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने जिला पुलिस बल आरक्षक संवर्ग चयन परीक्षा 2023-24 को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने साफ कहा कि परीक्षा की प्रक्रिया को रोका नहीं जाएगा और अंतिम परिणाम आने के बाद यदि किसी को आपत्ति हो तो वे उचित मंच पर चुनौती दे सकते हैं। यह याचिका कुल आठ अभ्यर्थियों द्वारा मिलकर दायर की गई थी।

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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता बी.पी. सिंह ने तर्क दिया कि जिन लोगों पर पहले गड़बड़ी के आरोप लगे थे, उन्हें दोबारा चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया है। वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने बताया कि गड़बड़ी के मामले में जांच कराई गई थी और कुछ जिलों में अनियमितताएं भी साबित हुई थीं, जिन पर कार्रवाई की जा चुकी है।

कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ताओं में से चार अभ्यर्थी 14 सितंबर को होने वाले फिजिकल वेरिफिकेशन में शामिल होंगे। अदालत ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसी को अंतिम परिणाम पर आपत्ति हो तो वे उस समय उचित मंच पर चुनौती दे सकते हैं। इसी आधार पर याचिका को वापस लिए जाने के कारण खारिज कर दिया गया।

मामले की पृष्ठभूमि में बताया गया कि जिला पुलिस बल आरक्षक संवर्ग की परीक्षा 2023-24 में कई अभ्यर्थियों ने अनियमितताओं का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि चयन प्रक्रिया में निष्पक्षता नहीं बरती गई और पहले से गड़बड़ी के आरोपी रहे चार उम्मीदवारों को फिर से परीक्षा में शामिल कर लिया गया। यही वजह थी कि अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

हालांकि, हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि अभी परीक्षा की प्रक्रिया को बीच में रोकना उचित नहीं है। अंतिम परिणाम आने के बाद यदि किसी अभ्यर्थी को आपत्ति होगी तो वे कानूनी रूप से चुनौती दे सकते हैं। अदालत का यह फैसला अब राज्य की भर्ती प्रक्रिया को बिना किसी रोक-टोक के आगे बढ़ाने का रास्ता साफ करता है।

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