Chhattisgah News : बिलासपुर की अरपा नदी में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. ये जनहित याचिका साल 2019 से लंबित है. मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविंद्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने नगर निगम को सख्त निर्देश दिए. कोर्ट में बताया गया कि शहर के करीब 70 नालों का गंदा पानी बिना साफ किए सीधे अरपा नदी में बहाया जा रहा है. इससे नदी और ज़मीन का जल बुरी तरह प्रदूषित हो रहा है. नगर निगम ने कोर्ट को जानकारी दी कि दिसंबर 2024 में सभी जरूरी कागजात जमा कर दिए गए हैं. निगम का दावा है कि मार्च 2025 तक 60% गंदे पानी को साफ करने का लक्ष्य है. बाकी 40% पानी के लिए पुणे की एक कंपनी से योजना मांगी गई थी, लेकिन मंजूरी नहीं मिली. फंड की कमी को भी काम में रुकावट बताया गया.
नगर निगम की सफाई पर कोर्ट नाराज
कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि इतने सालों से मामला चल रहा है लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. कोर्ट ने साफ कहा कि गंदा पानी नदी में गिरने से पर्यावरण और लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत फंड की कोई कमी नहीं है. इसके बावजूद नगर निगम सही कदम नहीं उठा रहा. उन्होंने काम में देरी और लापरवाही का आरोप लगाया.
कोर्ट ने मांगी विस्तृत जानकारी
कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त से व्यक्तिगत शपथ पत्र के जरिए योजना की पूरी जानकारी मांगी है. कोर्ट ने कहा कि नदी को साफ रखने के लिए जल्द ठोस कदम उठाने होंगे. अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी 2025 को होगी. कोर्ट की सख्ती से उम्मीद की जा रही है कि अरपा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे.