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छत्तीसगढ़: दोस्तों का अंतरराज्यीय गैंग, चोरी कर पीते थे प्रोटीन-शेक, करते मसाज, की 10 लाख की चोरी, वॉकी-टॉकी, टेलीस्कोप बरामद

छत्तीसगढ़ पुलिस ने 3 अंतरराज्यीय शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से 10 लाख के गहने, बंद हो चुके 500-500 के नोट, डॉलर, मसाजर, वॉकी-टॉकी सहित अन्य सामान जब्त किया गया है. तीनों ही आरोपी भोपाल के रहने वाले हैं और पुराने चोर हैं. चोरी के बाद आरोपी मसाज करते और प्रोटीन शेक पीते थे.

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चोरी के मामले में राजस्थान की जेल में बंद थे. वहां से छूटे तो 5 अप्रैल की शाम छत्तीसगढ़ पहुंचे और उसी रात करीब 8 बजे रायपुर की प्रोफेसर कॉलोनी में चोरी की. इसके बाद हाईवे पर आराम किया और अगले दिन भिलाई में 3 जगह चोरियां की, लेकिन चौथी चोरी से पहले पकड़े गए.

पुलिस ने बताया कि 6 मार्च की शाम सेक्टर-10 स्थित मकान और फिर तालपुरी स्थित BSP कर्मी के घर चोरी की. इसके अगले दिन 7 मार्च को पद्मनाभपुर में रेकी कर रहे थे, तभी पुलिस से इनका सामना हुआ. भागने के दौरान आरोपियों ने क्राइम टीम के कॉन्स्टेबल चित्रसेन साहू को कार से कुचलने की कोशिश भी की.

SP जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि 4 दिन पहले सुपेला में चोरों ने 4 घरों को निशाना बनाया. जिसमें 3 में चोरी की, लेकिन चौथे घर में चोरी करने में सफल नहीं हो पाए. इस दौरान उनकी कार CCTV फुटेज में कैद हो गई. जिसके बाद पुलिस ने तलाश शुरू की और पकड़े गए. पुलिस ने दुर्ग के 5 मामलों का खुलासा किया है.

DSP हेम प्रकाश नायक ने बताया कि तीनों आरोपी अनूप सिंह, अमित सिंह और राकेश कुशवाहा हाल ही में जेल से छूटे हैं. तीनों ने मिलकर छत्तीसगढ़ में चोरी की साजिश रची. पहले भिलाई में, फिर रायपुर और उसके बाद फिर भिलाई चोरी करने पहुंचे थे.

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि इतने दिन चोरी के मामले में जेल में रहने के दौरान उनके परिवार पर 24 लाख रुपए कर्ज हो गया था. इसे उन्होंने टारगेट की तरह लिया और उसे पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ पहुंच गए. यहां से तीनों 24 लाख की चोरी करने के बाद दूसरे राज्य जाने वाले थे.

पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि, तीनों ने 2015 में पहली चोरी उज्जैन में की थी. इसके बाद भोपाल, महाराष्ट्र, भीलवाड़ा (राजस्थान) और फिर छत्तीसगढ़ के रायपुर और दुर्ग में वारदात को अंजाम दिया. आरोपी मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में 30 से 35 चोरियां कर चुके हैं.

तीनों आरोपी चोरी की हर वारदात के बाद हाईवे पर पहुंचते और कार में ही आराम करते. ज्यादा थकान हो जाते पर मसाज करते और प्रोटीन शेक पीते. पुलिस को आरोपियों की कार से मसाजर और प्रोटीन पाउडर से भरे डिब्बे बरामद हुए हैं. साथ ही एक बड़ा टेलीस्कोप भी मिला है.

तीनों आरोपी अपने साथ मोबाइल तो रखते थे, लेकिन उनमें सिम कार्ड नहीं था. कार में एक वाई-फाई डोंगल लेकर चलते और उसी से मोबाइल कनेक्ट करते थे. इसके चलते साइबर टीम को भी इन्हें ट्रैक करने में दिक्कत हुई.

तीनों वॉकी-टॉकी के जरिए एक-दूसरे से संपर्क में रहते थे. वारदात के दौरान एक आरोपी ड्राइवर सीट पर बैठा रहता था. चोरी के लिए घर में गए दो अन्य आरोपियों से संपर्क में रहता था. जैसे ही ड्राइवर को कोई खतरा महसूस होता था, वह तुरंत उन्हें वॉकी-टॉकी से सूचना दे देता.

आरोपियों के पास से बरामद गाड़ी से पुलिस ने 4 अलग-अलग राज्यों की नंबर प्लेट बरामद की है. इनमें 2 हरियाणा और 2 मध्य प्रदेश की नंबर प्लेट हैं. इसी को लगाकर आरोपी वारदात को अंजाम देते थे. छत्तीसगढ़ में भी आरोपी रायपुर नंबर की फर्जी प्लेट लगाकर चल रहे थे.

पुलिस ने आरोपियों को तो पकड़ लिया, लेकिन चोरी का माल बरामद नहीं हुआ. काफी तलाश और सख्ती से पूछताछ की गई. इससे पता चला कि कार के बोनट में ही छिपाया गया है. पुलिस ने बोनट खोला तो हैरान रह गई. उसे अलग से मॉडिफाई कराया था. आरोपियों से 2 लाख 34 हजार रुपए बरामद किए हैं. इनमें 3 हजार के बंद हो चुके 500 और हजार के नोट हैं.

SP जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि पूरी क्राइम ब्रांच की टीम ने इसमें अच्छा काम किया है. जान जोखिम में डालकर पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आरक्षक चित्रसेन और पूरी ACCU टीम को इनाम के लिए प्रतिवेदन वरिष्ठ कार्यालय भेजा जाएगा.

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