भालू के हमले में दोनों आंखों की रोशनी गवां चुके बाल बच्चन को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर घटना के 52 साल के बाद मुआवजा राशि मिल सका. रविवार को मुख्यमंत्री के गृह ग्राम बगिया में उनकी धर्मपत्नी कौशल्या साय ने मुआवजा राशि का चेक सौंपा तो बाल बच्चन और उनका परिवार भावुक हो गया. आर्थिक तंगी से जुझ रहे इस परिवार ने सहायता राशि दिलाने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताया है. जिले के दुलदुला ब्लॉक के ग्राम पंचायत कस्तुरा के आश्रित ग्राम केंदपानी के रहवासी पीड़ित ग्रामीण बाल बच्चन सिंह ने बताया कि 24 सितंबर 1992 की सुबह वे अपने गांव के पास के जंगल में नित्यकर्म के लिए गए हुए थे. इसी दौरान झाड़ियों के बीच में बैठे हुए भालू ने उस पर हमला कर दिया. भालू ने बाल बच्चन के दोनों आंखों को निकाल दिया. उपचार के बाद बाल बच्चन का जीवन तो बच गया, लेकिन उसके दोनों आंखों की रोशनी चली गई थी. पीड़ित ग्रामीण के बड़े भाई रंथू सिंह ने बताया कि घटना के बाद बाल बच्चन सिंह का परिवार आर्थिक संकट में आ गया था. बाल बच्चन का विवाह 5 माह पूर्व ही हुआ था. आंख की रोशनी चले जाने से वह काम नहीं कर पा रहा था. ऐसे समय में परिवार ने उनकी सहायता की थी. घटना के बाद वन विभाग के अधिकारी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे और उन्हें जल्द ही मुआवजा राशि दिलाने का आश्वासन दिया था. लेकिन यह आश्वासन पूरा नहीं हो पाया. पीड़ित बोल बच्चन आर्थिक सहायता की उम्मीद में अधिकारियों के पास लगातार चक्कर लगाता रहा. लेकिन उसकी कहीं सुनवाई नहीं हुई. आखिर में 25 सितंबर 2024 को बगिया में आयोजित जनदर्शन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से गुहार लगाने के लिए पहुंचे. मुख्यमंत्री ने बाल बच्चन की व्यथा सुनकर वनविभाग के अधिकारियों को तत्काल मुआवजा राशि भुगतान करने का निर्देश दिया था.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का जताया आभार
बाल बच्चन के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा तीन बच्चे हैं. बड़ा लड़का रोजगार में लगा हुआ है. बड़ी बेटी 12 वीं और छोटी बेटी 8वीं क्लास में पढ़ रही है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर 32 साल के बाद 2 लाख मुआवजा राशि मिलने पर सीएम आभार जताते हुए बाल बच्चन ने कहा कि मुआवजा राशि से वह अपनी दोनों बेटियों की पढ़ाई पूरी कराएंगें और पढ़ाई पूरी होने के बाद उनके विवाह में यह राशि खर्च करेंगे.