जशपुर जिले में साहसिक खेलों को नई दिशा देते हुए भारत के रॉक क्लाइम्बिंग क्षेत्र की अग्रणी पहल, ’क्रैग डेवलपमेंट इनिशिएटिव’ ने जशप्योर एवं पहाड़ी बकरा एडवेंचर के साथ मिलकर दो दिवसीय बॉल्डरिंग वर्कशॉप का सफल आयोजन किया. यह आयोजन न केवल साहसिक खेलों के विकास की दिशा में एक कदम है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों को बढ़ावा देने का भी प्रयास है. इस पहल का उद्देश्य स्थानीय गाइड्स को तकनीकी कौशल और नेतृत्व क्षमता से सशक्त करना और देश में साहसिक खेलों के नए केंद्र स्थापित करना है.
इस कार्यशाला का मुख्य फोकस बॉल्डरिंग की उन्नत तकनीकों और सुरक्षा उपायों पर था. प्रतिभागियों को चट्टानों पर सुरक्षित मार्गों की पहचान, संतुलन और चढ़ाई की तकनीकों के साथ-साथ समूह प्रबंधन और संवाद कौशल में प्रशिक्षित किया गया. व्यावहारिक सत्रों में गाइड्स ने जशपुर की वास्तविक चट्टानों पर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करते हुए पर्यटकों के लिए सुरक्षित और रोमांचक अनुभव सुनिश्चित करने के तरीके सीखे.
कार्यक्रम का नेतृत्व छत्तीसगढ़ के अनुभवी प्रशिक्षकों स्वप्निल राचेलवार और सागर दुबे ने किया. इस वर्कशॉप में स्थानीय गाइड्स जैसे रवि सिंह, तेजल भगत, ऋषनाथ भगत, सचिन कुजूर और प्रतीक नायक ने भाग लिया और अपने कौशल को एक नई ऊंचाई दी. बॉल्डरिंग, जो रॉक क्लाइम्बिंग का एक तकनीकी और चुनौतीपूर्ण रूप है, ने प्रतिभागियों को न केवल शारीरिक दक्षता बल्कि मानसिक संतुलन और समस्या-समाधान की क्षमता भी विकसित करने का अवसर दिया.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन द्वारा जशपुर को अलग आयाम देने की इस पहल ने देश-विदेश से कई लोगों का ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया है. ’क्रैग डेवलपमेंट इनिशिएटिव’ की इस पहल ने न केवल स्थानीय गाइड्स को उन्नत किया, बल्कि जशपुर को भारत में साहसिक खेलों का नया केंद्र बनाने की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ाया है. यह वर्कशॉप इस बात का प्रमाण है कि सही मार्गदर्शन और प्रशिक्षण से साहसिक पर्यटन और क्षेत्रीय विकास को नई ऊंचाई तक ले जाया जा सकता है. अब जशपुर साहसिक खेल प्रेमियों के लिए एक उभरता हुआ आकर्षण बन रहा है, जहां साहस और कौशल की नई कहानियां लिखी जाएंगी.
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