कलेक्टर रोहित व्यास ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की जिला स्तरीय स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली. उन्होंने गंभीर मरीजों को रात में 108 और 102 वाहन की सुविधा मिलने के संबंध में जानकारी ली और गंभीर मरीजों को वाहन की सुविधाएं अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मरीजों को दिए जाने वाली सुविधा में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं चलेगी. वाहनों का लाइफ लोकेशन भी शेयर करने के निर्देश दिए हैं. मरीजों के लिए स्वास्थ्य केन्द्र में वाहन उपलब्ध कराया गया है। उसे चालू हालत में रखने के निर्देश दिए हैं और खराब गाड़ियों की निलामी करवाने के लिए कहा है. इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर हरि ओम द्विवेदी, मुख्य चिकित्सा स्वास्थ अधिकारी जी एस जात्रा, सभी विकास खंड चिकित्सा अधिकारी, बीपीएम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे.
कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारी अपने कर्तव्यों का रूचि लेकर निर्वहन नहीं कर रहे, अपने कार्यालय स्थल पर समय पर उपस्थित नहीं होते हैं और बिना अवकाश स्वीकृत कराए लम्बे समय तक नदारद रहते हैं तो उनके ऊपर अनुशासनात्मक कारवाई करें. कलेक्टर ने कहा कि जो काम करेगा उसे ही वेतन मिलेगा.
कलेक्टर ने आयुष्मान कार्ड बनाने के प्रगति की भी जानकारी ली और गांवों के प्रत्येक व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए ग्राम पंचायतवार रोस्ट तैयार करें घर घर जाकर सर्वे करें और छुटे हुए व्यक्तियों का कार्ड बनवाने के लिए कहा है. इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका और मितानी का भी सहयोग लेने के निर्देश दिए हैं. विकास खंड स्वास्थ्य अधिकारी को प्रत्येक सप्ताह आयुष्मान कार्ड की प्रगति की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं. जून तक लक्ष्य को पूरा करने के लिए कहा है. उन्होंने ने लम्बे समय से अनुमति कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
कलेक्टर व्यास ने पंजीकृत गर्भवती माताओं के या उनके नजदीकी के परीजनों का ही मोबाइल नम्बर पोर्टल में एंट्री करने के लिए कहा है. ताकि फालोअप काल करने पर सही मरीजों से सम्पर्क करके उनका बेहतर ईलाज किया जा सके.
समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने आई आई टी बाम्बे कार्य के प्रगति की जानकारी ली. उन्होंने गर्भवती महिलाओं और बच्चों को गोद लेने के लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा रहा है. लक्ष्य पूरा करने में लापरवाही करने वाले स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारी, मितानी का वेतन रोकने के लिए कहा है. उन्होंने स्वास्थ्य केन्द्रों में भारतीय जन औषधि केन्द्र संचालन की लेते हुए मरीजों को दवाईयां उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्र के पैथोलॉजी में टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है तो मरीजों को उसका शत-प्रतिशत लाभ दे. मरीजों को अनावश्यक रूप से प्राइवेट पैथोलॉजी में टेस्ट के लिए न भेजें. डाक्टरों को मरीजों के पर्ची में ब्रांडेड दवाईयां न लिखें. मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ब्रांडेड दवाईयां साल में कितना लिखा गया है. डॉक्टरों द्वारा इसका आडिट करवाने के निर्देश दिए हैं. प्राइवेट पैथोलॉजी और दवाई दुकानदारों के पास गरीब और जरूरतमंद मरीजों को नहीं भेजने के निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य केन्द्र में ही निःशुल्क दवाई उपलब्ध कराने के लिए कहा है.
कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान दंत चिकित्सकों की संख्या की जानकारी ली. उन्होंने जिन स्वास्थ्य केन्द्रों में दंत चिकित्सक की पदस्थापना की गई वहां ईलाज के लिए आने वाले मरीजों का रजिस्टर में एंट्री करने करने के लिए कहा है. मनोरा के दंत चिकित्सक के द्वारा मरीजों का रजिस्टर में एंट्री नहीं करने के कारण नोटिस जारी करके वेतन रोकने के निर्देश मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को दिए हैं.
कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान चिरायु योजना, गर्भवती महिलाओं का संस्थागत प्रसव, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, सिकल सेल कार्यक्रम, मलेरिया कार्यक्रम, मौसमी बीमारी से बचाव के उपाय, टीकाकरण, कुष्ठ उन्मूलन अभियान, आदि अन्य स्वास्थ्य विभाग के योजनाओं की विस्तार से समीक्षा किया गया. हितग्राहियों को आयुष्मान योजना का लाभ दिलाने में रुचि ना लेने पर नारायणपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के आयुष्मान ऑपरेटर को कारण बताओ नोटिस देकर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए. इसके साथ ही सोनक्यारी के चिकित्सा अधिकारी द्वारा चिकित्सा कार्य में रूचि ना लेने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
कलेक्टर ने सभी बीएमओ एवं बीपीएम को आरोग्य मंदिरों का हर सप्ताह में कम से कम तीन दिन मैदानी भ्रमण कर आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए तथा इनका प्रतिदिन फ़ोटो जिओ टैगिंग द्वारा जानकारी प्रदान करने को कहा. उन्होंने राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत कोटपा एक्ट के तहत चलानी कार्यवाही करवाने को कहा. उन्होंने जिले में दूसरे एवं तीसरे ट्राइमेस्टर में जानकारी मिलने वाली गर्भाधान के मामलों में प्रत्येक मामले की जांच कराने के निर्देश दिए. उन्होंने संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के निर्देश दिए. उन्होंने प्रसव के मामलों की जानकारी निजी अस्पतालों से भी प्राप्त करने के निर्देश दिए. उन्होंने प्रत्येक विकासखण्ड में शासकीय संस्थाओं को छोड़ बाहर होने वाले प्रसवों के प्रत्येक प्रकरण पर चर्चा करते हुए. संस्थाओं में प्रसव की उत्तम सुविधाएं प्राप्त कराते हुए आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को लाभान्वित कराने के निर्देश दिए.