जशपुर: जिला स्तर पर क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षण हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय समिति गठित

भारत सरकार, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, नई दिल्ली के तत्वाधान में पूरे देश में शीघ्र ही 8वीं आर्थिक गणना 2025-26 का आयोजन किया जाना संभावित है. जिला स्तर पर इसका कार्यान्वयन एवं पर्यवेक्षण कलेक्टर रोहित व्यास की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समन्वय समिति (8वीं आर्थिक गणना) के द्वारा जिला स्तर पर इसका कार्यान्वयन एवं पर्यवेक्षण किया जाएगा.

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कलेक्टर रोहित व्यास की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है. समिति में वरिष्ठ जिला पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक कुमार सहित नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, सहायक संचालक, ग्रामोद्योग, जिला श्रम पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला जनसंपर्क अधिकारी, क्षेत्रीय कार्यालय एनएसओ, जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी (आईटी विशेषज्ञ) सदस्य के रूप में तथा उप संचालक, जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी सदस्य सचिव रहेंगे.

इस वृहद सांख्यिकी कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था के असंगठित क्षेत्र विशेष रूप से गैर कृषि क्षेत्र में उद्यमों की संख्या एवं उसमें नियोजित कामगारों की संख्या का वास्तविक आंकलन कर राष्ट्र की व्यवसाय पंजी(बिजनेस रजिस्टर) को अद्यतन करना है. असंगठित क्षेत्र के कामगार अर्थव्यवस्था का वह वृहद भाग होता है जिसके बारे में सीधे तौर पर कोई विशेष विस्तृत जानकारी या सांख्यिकी आंकड़े उपलब्ध नहीं होती है, किंतु यह देश के सामाजिक विकास के प्रमुख भागीदार होते हैं. इस कार्यक्रम से देश के व्यवसायों से संबंधित संरचनात्मक एवं संगठनात्मक वेरिएबल्स की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है.

भारत सरकार इसके लिए समय-समय पर आर्थिक गणना का आयोजन करती है. स्वतंत्र भारत के इतिहास में अब तक कुल सात आर्थिक गणनाएं हो चुकी हैं. इनमें से 6वीं आर्थिक गणना जो कि वर्ष 2013-14 में आयोजित की गयी थी, के परिणाम वर्तमान में उपलब्ध हैं. अब 8वीं आर्थिक गणना के लिए तैयारियॉं की जा रही हैं. इसके अंतर्गत मुख्य रूप से ऐसे उद्यमों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जावेगा जिसमें नियोजित व्यक्तियों की संख्या 12 या उससे अधिक है. यह जानकारी शासन एवं निजी उद्यमियों को विकास के लिए आवश्यक योजनाएं तैयार करने के लिए आवश्यक होती हैं. जशपुर जिले में इस कार्य के लिए लगभग 1650 कर्मचारियों की आवश्यकता होंगी. इन्हें अलग-अलग विभागों से नियोजित किया जाएगा.

आर्थिक गणना के अंतर्गत जिले के सभी 756 ग्रामों एवं सभी नगरीय निकायों के प्रत्येक घर, भवन में जाकर प्रगणक उस घर, भवन में प्राथमिक, द्वितीयक अथवा तृतीयक क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों जैसे उत्पादन, वितरण और सेवा क्षेत्र में संलग्न व्यक्तियों, संस्थाओं से प्रश्न पूछकर उनकी आर्थिक गतिविधियों की जानकारी को टेबलेट, मोबाईल एप के माध्यम से ऑन, आफ लाईन दर्ज कर सकेंगे. संपूर्ण आर्थिक गणना का आयोजन सूचना एवं प्रौद्योगिकी तकनीकी के आधार पर किया जा रहा है. इसके कारण इसमें रियल टाईम डाटा वेलिडेशन, स्क्रूटनी, मॉनिटरिंग और सुपरविजन किया जा सकेगा. इसमें एमआईएस डैशबोर्ड के माध्यम से डाटा फाईनलाईजेशन और रिपार्ट्स तैयार करने की सुविधा भी उपलब्ध होगी. इस आर्थिक गणना कार्यक्रम से ऐसे उद्यमों को सम्मिलित नहीं किया जावेगा जो कृषि क्षेत्र की फसल उत्पादन अथवा प्लांटेशन गतिविधियों में संलग्न हैं. इसके अतिरिक्त प्रशासकीय कार्यालयों, सेना, पुलिस अथवा आवश्यक सामाजिक सुरक्षा के संगठन, स्वयं के उपयोग के लिए वस्तुओं का उत्पादन करने वाले परिवारों और अवैधानिक कार्यों जैसे जुआ, लाटरी संचालकों की गतिविधियों को आर्थिक गणना की परिधि से बाहर रखा गया है.

इस कार्यक्रम के लिए तहसील स्तर पर तहसीलदारों को चार्ज अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. ये चार्ज अधिकारीगण अपने-अपने तहसील क्षेत्र के लिए आवश्यकता अनुसार चयनित विभागों के कर्मचारियों को पूर्व आंकलित संख्या में प्रगणक ब्लाक के लिए प्रगणक एवं सुपरवाईजर नियुक्त कर सकेंगे. उक्त कार्य हेतु राज्य शासन के निर्देशानुसार प्रशिक्षण भी आयोजित किया जाएगा. नियुक्त किए गए कर्मचारियों को इस कार्य के लिए शासन स्तर से निर्धारित मानदेय भी प्रदाय किया जाएगा. इसमें प्रत्येक प्रगणक ब्लॉक के लिए एक प्रगणक और प्रत्येक 3 प्रगणक पर एक सुपरवाईजर नियुक्त किए जाएंगे. वर्तमान में इस कार्य के लिए जिले में राज्य स्तर से प्राप्त स्थानीय ग्रामीण डायरेक्ट्री की जांच एवं प्रगणक ब्लॉक का निर्धारण कार्य प्रगति पर है.

कलेक्टर रोहित व्यास द्वारा उप संचालक, जिला योजना एवं साख्यिकी कार्यालय को इस हेतु राज्य शासन से प्राप्त होने वाले निर्देशों का पालन सुनिश्चित करते हुए 8वीं आर्थिक गणना की तैयारियॉं पूर्ण करने हेतु निर्देशित किए हैं.

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