जशपुर: चिरायु से नोवेल के जन्मजान होंठ व तालू का हुआ सफल इलाज

जिला मुख्यालय स्थित चीरबगीचा निवासी तुलसीकांत भगत के घर जब नोवेल का जन्म हुआ तो माता-पिता खुशी से फूले नहीं समा रहे थे. मानो उनकी दुनिया जैसे रोशन सी हो गई थी. पहली बार माता-पिता बनने की खुशी तो थी ही लेकिन एक चिंता भी थी. जन्म के साथ ही नोवेल की होंठ और तालू में विकृति थी. मजदूरी करके अपने परिवार का जीवन-यापन करने वाले उनके पिता के लिए इलाज करा पाना काफी मुश्किल था. जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें चिरायु योजना की जानकारी देने के साथ ही बच्चों को इससे मिलने वाली निःशुल्क इलाज के संबध में जानकारी दी. यह जानकारी परिवार के लिए किसी आशा की किरण से कम नहीं थी.

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नोवेल को बेहतर इलाज के लिए रायपुर स्थित ओम हॉस्पिटल में शासकीय व्यय पर भेजा गया. जहां डॉक्टरों के द्वारा नोवेल का ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन और बेहतर इलाज के बाद बच्चा स्वस्थ है. आज 11 माह के हो चुके नोवेल का मुस्कराता चेहरा उसके माता-पिता की आंखों में नई चमक भर देता है. परिजनों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है. सरकार ने गरीबों की पीड़ा को समझा और इलाज के लिए बेहतर संस्थानों में भेजकर निःशुल्क इलाज करा रही है.

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वास्थ्य परीक्षण कर चिरायु की टीम के द्वारा बच्चों का बेहतर इलाज कराया जा रहा है. चिरायु की टीम के द्वारा कटे-फटे होंठ, जन्म जात मोतियाबिंद, टेढ़े-मेढ़े हाथ पैर, श्रवण बाधा सहित 44 प्रकार की बीमारी तथा विकृति पर कार्य किया जाता है. जरूरत पड़ने पर बच्चों को अच्छे हॉस्पिटल रेफर भी कराया जाता है.

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