मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिले के किसानों को खरीफ फसल के अलावा अब हर सीजन खरीफ एवं रबी दोनों फसलों का लाभ दिया जा रहा है. इसके लिए कृषि विभाग के द्वारा जिले के किसानों को सोलर पम्प एवं प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत स्प्रिंकलर सिंचाई पाइप, दोनों योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. साथ ही क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के माध्यम से निरंतर किसानों को मार्गदर्शन किया जा रहा है.
इसी कड़ी में कांसाबेल विकासखण्ड के ग्राम जुमईकेला निवासी कृषक नरेन्द्र प्रसाद साय द्वारा क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अविनाश टोप्पो उचित मार्गदर्शन लेकर खरीफ एवं रबी की खेती की जा रही है. विष्णुदेव साय ने बताया कि उनका कुल रकबा 2.000 हेक्टेयर है. वर्ष 2022-23 के पूर्व मेरे पास सिंचाई की कोई सुविधा नहीं थी तथा मैं केवल खरीफ में ही खेती करता था. मैं 1.400 हेक्टेयर में धान एवं 0.600 हेक्टेयर में मक्के की खेती करता था. वर्षा के अभाव में कई बार धान की रोपाई नहीं कर सका. मक्के की फसल में भी पानी की कमी के कारण पौधे के बढ़ावा रूक जाते थे. पानी के अभाव में धान प्रति हेक्टेयर 7 क्विंटल एवं मक्का 3.00 क्विंटल प्रति हेक्टेयर कमाता था.
कृषक नरेन्द्र प्रसाद साय ने बताया कि कृषि विभाग के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अविनाश टोप्पो के माध्यम से सौर सुजला योजना के तहत सोलर पम्प एवं प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत स्प्रिंकलर सिंचाई पाईप, दोनों योजनाओं का लाभ पूरे 2.000 हेक्टेयर में लिया. उन्होंने बताया कि वर्तमान में क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के मार्गदर्शन में पूरे 2.000 हेक्टेयर में खरीफ एवं रबी की खेती करता हूं. अब मुझे पानी से संबंधित कोई समस्या नहीं है. रबी में मैं 1.000 हेक्टेयर में गेहूँ 0.400 हेक्टेयर में चना एवं 0.600 हेक्टेयर में उड़द की खेती करता हूँ. प्रति हेक्टेयर 12.00 क्विंटल गेहूं, चना 3.00 क्विंटल प्रति हेक्टेयर एवं उड़द 5.00 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज कमाता हूँ. योजना के माध्यम से लाभ देने के लिए कृषक ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और कृषि विभाग के अधिकारियों को धन्यवाद दिया है.