मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिले में खाद्य प्रसंस्करण के तहत विभिन्न खाद्यान्नों, फलों और सब्जियों का उचित भंडारण, पैकेजिंग और गुणवत्तायुक्त बनाने के लिए सार्थक पहल किया जा है. साथ ही जिले के किसानों को अतिरिक्त फसलों में सेब, नाशपाती, स्ट्रॉबेरी, चाय उत्पादन सहित अन्य फसल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
इसी कड़ी में कलेक्टर रोहित व्यास से उचित मार्गदर्शन लेकर हरियाणा के सोनीपत के कुंडली स्थित राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता प्रबंधन संस्थान के ग्राम दत्तक ग्रहण कार्यक्रम की टीम ने जशपुर जिले के मनोरा और सन्ना विकासखण्ड में सेब, नाशपाती, स्ट्रॉबेरी और चाय उत्पादन के स्थान शैला, करदाना, छिछली और कोपा गांवों का भ्रमण किया. इस दौरान राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता प्रबंधन संस्थान के टीम को राजेश गुप्ता, मनोज गुप्ता, गोवर्धन होता, वैभव यादव और किरण भगेल, रीडस के अधिकारियों ने सहयोग किया. जो छोटे और सीमांत भूमि धारकों के बीच विभिन्न प्रकार के अत्यधिक लाभकारी फल फसलों की शुरूआत के माध्यम से समुदायों के उत्थान में शामिल एक गैर सरकारी संगठन है.
उल्लेखनीय है कि जशपुर की मिट्टी, स्थलाकृति और जलवायु सेब, नाशपाती, स्ट्रॉबेरी, काजू, कटहल, अदरक, हल्दी, नीबू, चाय, महुआ के अलावा धान और मिलेट जैसी नियमित फसलों के उत्पादन के लिए उपयुक्त है. जिले में बड़ी मात्रा में खाद्यान्न फल और सब्जियां उपलब्ध हैं. खाद्य प्रसंस्करण खाद्यान्नों, फलों और सब्जियों को उचित भंडारण, पैकेजिंग और संरक्षण तकनीकों के माध्यम से शेल्फ लाइफ बढ़ाकर और उन्हें मूल्यवर्धित, सुरक्षित और अच्छी गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पादों जैसे तैयार खाद्य पदार्थ, स्नैक्स, ब्रेकफास्ट सीरियल्स, एनर्जी बार आदि में परिवर्तित करने का एक साधन है.
निफ्टेम कुंडली की टीम व्हीएपी को जिला मिशन प्रबंधक विजय शरण प्रसाद, समर्थ जैन व्हीएपी टीम और स्थानीय समुदायों की आजीविका के उत्थान के लिए जिले के भविष्य के खाद्य प्रसंस्करण क्षमता मानचित्र को तैयार करने के लिए जिला प्रशासन, एनआरएलएम, विभिन्न एफपीओएस, गैर सरकारी संगठनों और कृषि संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.