रायपुर\दिल्ली: छत्तीसगढ़ महादेव केस के बाद शराब घोटाला की चर्चा भी संसद में हुई. बुधवार को राज्यसभा में पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाला का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा- “छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री के साथ शराब घोटाला जोड़ा. यही आप पार्टी वाले कहते थे कि ईडी, सीबीआई को लगा दो और मुख्यमंत्री को जेल में डाल दो.”
लोकसभा में महादेव सट्टा मुद्दा: इससे पहले मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में चल रही बहस में बीजेपी सांसद संतोष पांडेय ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा “राहुल गांधी बार बार भगवान शंकर की तस्वीर संसद में दिखा रहे हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि भगवान भोलेनाथ ने लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम को निपटा दिया. संतोष पांडेय ने भूपेश बघेल पर हमला बोलते हुए कहा कि पूर्व सीएम महादेव के नाम पर 6000 करोड़ का सट्टा चला रहे थे.महादेव ने उन्हें निपटा दिया.
संसद में रायपुर मॉब लिंचिंग: संतोष पांडेय ने संसद में रायपुर मॉब लिंचिंग का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि मवेशी तस्कर छत्तीसगढ़ में क्या करने गए थे और रात के अंधेरे में क्यों नदी में कूदे. संतोष पांडेय ने छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के कार्यकाल में हुई साजा हिंसा का मुद्दा भी सदन में उठाया.
यह है शराब घोटाला
ईडी की FIR में पार्ट A के तहत IAS अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर को शामिल किया गया है. जहां आईएएस टुटेजा की नजदीकियों का पूरा फायदा मिला. CSMCL के एमडी के रूप में अरुणपति त्रिपाठी की नियुक्ति टुटेजा के प्रभाव के चलते ही हो सकी थी. राज्य की नौकरशाही में उनके प्रभाव के कारण, IAS टुटेजा ने अनवर ढेबर और बाकी अधिकारियों के जरिए महत्वपूर्ण नियुक्तियों और सिंडिकेट को नियंत्रित किया. वहीं अनवर ढेबर वो व्यक्ति थे जिन्होंने पूरे कैश कलेक्शन को नियंत्रित किया.
पूर्व आईएएस विवेक ढांढ पर भी लगे आरोप
इसके अलावा सिंडिकेट को संरक्षण देने का काम पूर्व आईएएस विवेक ढांढ ने किया. जिन्हें अवैध राशि का शेयर दिया जाता था. ढेबर के करीबियों को FL10A लाइसेंसधारी, मैनपावर, कैश कलेक्शन जैसे सभी महत्वपूर्ण जगहों पर रखा गया। उनके सहयोगियों ने हजारों करोड़ रुपए का कमीशन कलेक्ट किया. ED की FIR में IAS के बेटे यश का भी नाम है.
ईडी ने टुटेजा को बताया है आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम
ईडी ने अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी के कई आधार बताए थे. ईडी ने कहा था कि, शराब घोटाले में अनवर ढेबर ने सिंडिकेट बनाया और उस सिंडिकेट को सबसे ज्यादा पावर अनिल टुटेजा से मिलती थी, जो कंट्रोलर की भूमिका में थे. ईडी ने उन्हें आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम बताया था. फिलहाल टुटेजा अभी जेल में बंद हैं.
कांग्रेस ने बदली आबकारी नीति
ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि, किस तरह रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के जरिए आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ. ईडी ने चार्जशीट में कहा है कि पहले साल 2017 में बनी आबकारी नीति को बदलकर CSMCL के जरिए शराब बेचना शुरू किया गया था. लेकिन 2019 के बाद अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का एमडी नियुक्त कराया, उसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनीतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के जरिए भ्रष्टाचार किया गया. जिससे 2161 करोड़ का घोटाला हुआ.
बीजेपी सरकार ने बनाया था यह नियम
ईडी चार्जशीट के अनुसार, बीजेपी सरकार के समय ये नियम बनाया गया था कि सभी एजेंसियों से शराब खरीदी कर इसे दुकानों में बेचा जाएगा. इसके बाद कांग्रेस सरकार ने इसे बदलकर अपने खास फर्मों को सप्लाई की जिम्मेदारी दे दी थी.