छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में सोमवार को सतनामी समाज के लोगों द्वारा किए गए उग्र प्रदर्शन के कारण इलाके में स्थिति तनावपूर्ण है. सामने आया है कि पुलिस ने हिंसा और आगजनी के आरोप में 60 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है. वहीं, पुलिस उनसे पूछताछ भी कर रही है. पूरी घटना में 25 से ज्यादा पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं. हिंसात्मक प्रदर्शन से पहले प्रदर्शनकारियों ने सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए थे. मौके पर 7-8 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी मौजूद थे.
जानकारी के मुताबिक, यह प्रर्दशन बीते दिनों गिरौदपुरी के महकोनी गांव में संत अमरदास की तपोभूमि के जैतखाम को काटे जाने की सीबीआई जांच की मांग को लेकर हो रहा था. इसी के विरोध में सोमवार को बड़ी संख्या में सतनामी समाज के लोग बलौदा बाजार पहुंचे थे, जहां उन्होंने कलेक्ट्रेट का घेराव किया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. लोग दशहरा मैदान में एक जुट होकर विरोध जता रहे थे कि देखते ही देखते इस प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया. हालांकि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया था.
इस मामले में देर शाम पुलिस ने 50 से 60 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है. प्रदर्शनकारियों ने सीसीटीवी कैमरे जरूर तोड़ दिए, लेकिन जब प्रदर्शन हुआ तब ड्रोन से निगरानी चल रही थी. ड्रोन फुटेज के आधार पर लोगों को पहचान कर हिरासत में लिया गया है. छत्तीसगढ़ पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है.
सोमवार को छत्तीसगढ़ सतनामी समाज के लोग बलौदा बाजार के दशहरा मैदान में इकट्ठा हुए थे. प्रदर्शनकारियों की संख्या 7 से 8 हजार थी जो कि प्रदेशभर से आकर वहां इकट्ठा हुए थे. बाद में प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोगों को गार्डन चौक पर ज्ञापन देने की सलाह दी गई, लेकिन उन्होंने इस सलाह को खारिज कर दिया. दोपहर 02.45 बजे विरोध करने आई भीड़ रैली के रूप में नारे लगाते हुए आगे बढ़ी.
पहला बैरिकेड गार्डन चौक के पास लगाया गया था, जहां वे बैरिकेड तोड़ कर आगे बढ़ गए. इसके बाद पूरी रैली नेतृत्वहीन होकर योजनाबद्ध तरीके से नारे लगाते हुए चक्रपाणि स्कूल के पास पहुंची, जहां एक बड़ा बैरिकेड लगाया गया था और ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की की, उन्हें लाठियों से पीटा और गंभीर रूप से घायल कर दिया और बैरिकेड तोड़ दिया. वहां से प्रदर्शन कारी पथराव करते हुए आगे बढ़े.
पुलिस ने उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन भीड़ हिंसक हो गई और पास में खड़ी फायर ब्रिगेड पर चढ़ गई और उसे तोड़ दिया. अपने साथ लाए पेट्रोल और डीजल से आग लगाकर आगे बढ़ गई. जॉइन्ट कलेक्ट्रेट ऑफिस के पास उपद्रवी उग्र हो गए और पथराव कर पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को लाठी-डंडों से पीट-पीट कर घायल कर दिया. उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ी करीब 100 सरकारी व निजी मोटरसाइकिलों व 30 से अधिक चारपहिया वाहनों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी.
दंगाइयों ने पुलिस कार्यालय के संयुक्त कार्यालय भवन में भी आग लगा दी, जिससे पुलिस कार्यालय के रिकार्ड जल गये. संयुक्त कार्यालय भवन में आग लगाने के बाद तहसील कार्यालय में खड़ी गाड़ियों और शहर की मुख्य सड़क पर बने डिवाइडर को तोड़-फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया. शहर की निगरानी के लिए शहर की सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिये गये.
यह हिंसा भीम आर्मी, भीम रेजिमेंट और भीम क्रांतिवीर सेना के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने किया था. इन लोगों द्वारा किये गये उपद्रव में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले सहित अन्य जिलों के 25 से अधिक पुलिस अधिकारी, कर्मचारी और प्रशासनिक अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गये, जिनका इलाज चल रहा है. दंगाइयों द्वारा की गई तोड़फोड़, आगजनी आदि का आकलन किया जा रहा है.