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छत्‍तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में स्‍टार्ट अप पर बढ़ेगी अनुदान छूट, डिफेंस, रोबोटिक्स, AI को मिलेगा बढ़ावा

रायपुर। छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति एक नवंबर से लागू होगी, जिसमें पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बनी नीतियों की खामियों को दूर करते हुए नए सिरे से नीतियां बनाई जा रही है. अन्य राज्यों की नीतियों को लेकर भी उद्योग विभाग की टीम ने अध्ययन किया है.

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प्रदेश की नई औद्योगिक नीति नवाचार पर आधारित होगी, जिसमें अनुदान छूट को बढ़ाया जाएगा. अनुदान छूट को पूर्ववर्ती सरकार में 18 से 20 प्रतिशत तक थी. इसे बढ़ाकर 30 से 35 प्रतिशत तक किया जाएगा, ताकि उद्योग-व्यवसाय को बढ़ावा दिया जाएगा.

उद्योग विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक नीति में कई ऐसे प्रविधान होंगे, जिससे छत्तीसगढ़ स्वयं के उद्योग माडल के जरिए अन्य राज्यों में गुजरात माडल की तर्ज पर पहचान बना सकेगा. गुजरात सहित अन्य प्रदेशों की औद्योगिक नीतियों की महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया जाएगा.

नई औद्योगिक नीति लागू करने के पहले देश के प्रमुख राज्यों का दौरा किया जा चुका है. औद्योगिक-व्यापारिक संगठनों से नई औद्योगिक नीति को लेकर सुझाव भी लिया जा चुका है. इन सबके आधार पर छत्तीसगढ़ की नई नीति 2024-2029 लांच की जाएगी.

प्रदेश की छह नई कंपनी एनएसई में सूचीबद्ध

उद्योग विभाग के समन्वय से राजधानी में शुक्रवार को आयोजित नेशनल स्‍टॉक एक्सचेंज के सेमीनार में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के आधार पर यहां निवेश करने का एक बड़ा आकर्षण होगा, जो न केवल राज्य के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद करेगा. हाल ही में सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 का शुभारंभ किया गया है. पोर्टल पर एक बार आवेदन से ही सभी विभागों का क्लीयरेंस मिलेगा.

साय सरकार ने पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ का बजट पांच लाख करोड़ से 10 लाख करोड़ करने का लक्ष्य रखा है. छत्तीसगढ़ में लगभग 600 बड़ी कंपनियां संचालित है, जिसमें से हाल ही में राज्य की 6 इकाइयों को नेशनल स्‍टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया है. देश में लगभग 2,512 कंपनियां एनएसई में रजिस्टर्ड है, जिनकी कुल बाजार पूंजी 464.38 लाख करोड़ रुपये है.

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